नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) आईटीसी के चेयरमैन संजीव पुरी ने कहा है कि अमेरिकी शुल्क से उत्पन्न बाधाओं से निपटने के लिए भारत बेहतर स्थिति में है क्योंकि अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर जल्द हस्ताक्षर होने की संभावना है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर जवाबी शुल्क की घोषणा की है। हालांकि बाद में इसे तीन महीने के लिए टाल दिया गया। अभी केवल चीन पर 125 प्रतिशत शुल्क लागू है।
हालांकि, अमेरिका को निर्यात पर 10 प्रतिशत मूल शुल्क जारी रहेगा। अन्य जवाबी शुल्क अब नौ जुलाई से लागू होंगे।
घरेलू उद्योग पर इन शुल्क के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर पुरी ने कहा कि यह कहना कठिन है कि इसका क्या प्रभाव होगा, लेकिन भारत की स्थिति इस मामले में काफी बेहतर होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह कहना कठिन है कि इसमें क्या बदलाव आएगा, लेकिन मेरा अपना मानना है कि अंत में भारत की स्थिति काफी बेहतर होगी। हम कई मुक्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना देख रहे हैं जिसकी उद्योग जगत काफी समय से प्रतीक्षा कर रहा है। उम्मीद है कि इस वर्ष ऐसा हो जाएगा, चाहे वह यूरोपीय संघ हो, ब्रिटेन हो या निश्चित रूप से अमेरिका जहां मुझे लगता है कि चर्चाएं तेजी से जारी हैं।’’
भारत और अमेरिका मार्च से द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा है, जिसका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 अरब अमेरिकी डॉलर करना है।
आईटीसी पर शुल्क के प्रभाव के संबंध में पुरी ने कहा कि यह भी ‘‘ अधिक घरेलू-केंद्रित उद्योग ’’ है और अमेरिकी शुल्क के कारण इसे कुछ प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है।
भाषा निहारिका अजय
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