India-Pakistan Ceasefire: भारत-पाकिस्तान तनाव के बावजूद विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों में किया जबरदस्त निवेश

India-Pakistan Ceasefire: भारत-पाकिस्तान तनाव के बावजूद विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों में किया जबरदस्त निवेश

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  • Publish Date - May 11, 2025 / 04:20 PM IST,
    Updated On - May 11, 2025 / 04:20 PM IST

(India-Pakistan Ceasefire, Image Credit: Meta AI)

HIGHLIGHTS
  • इस महीने अब तक एफपीआई ने 14,167 करोड़ रुपये का निवेश किया।
  • भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बावजूद एफपीआई का निवेश जारी है।
  • भारत-अमेरिका व्यापार करार और डॉलर में कमजोरी से भारतीय बाजार में एफपीआई का विश्वास बढ़ा है।

India-Pakistan Ceasefire: हाल के दिनों में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भरोसा बरकरार है। इस महीने (9 मई तक) उन्होंने 14,167 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। इसके पीछे अनुकुल वैश्विक स्थिति और मजबूत घरेलू आर्थिक स्थिति को बताया जा रहा है। हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच विदेशी निवेशकों का भारत में निवेश जारी है। जो यह दर्शाता है कि विदेश निवेशक भारतीय बाजार को आकर्षक और मजबूत मानते हैं।

FPI का निवेश के लिए सकारात्मक रुख

डिपॉजटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने अप्रैल में 4,223 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो तीन महीने बाद उनका पहला निवेश था। इसके पूर्व उन्होंने जनवरी से मार्च तक 78,0278 करोड़ रुपये तक की निकासी की थी। इसके बावजूद मई में एमपीआई का रूख सकारात्मक रहा है, जिससे भारतीय शेयर बाजार में निवेश की स्थिति में सुधार देखने को मिला है।

एक्सपर्ट्स की राय

एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारतीय बाजार में FPI का आकर्षण आगे भी बरकरार रहेगा। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के अनुसार, वैश्विक कारक जैसे डॉलर की कमजोरी और अमेरिका-चीन की सुस्त अर्थव्यवस्था के कारण एफपीआई भारतीय बाजार में निवेश करना जारी रख सकते हैं। साथ ही भारत की उच्च जीडीपी वृद्धि, घटती मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में कमी भी निवेशकों के लिए आकर्षक का कारण माना जा रहा है।

भारत में निवेश के कारण

FPI निवेशकों का भरोसा भारत की आर्थिक स्थिति, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और भारतीय रुपया की मजबूती में है। इसके अलावा भारतीय कंपनियों के अच्छे तिमाही नतीजों ने भी एफपीआई की धारणा को मजबूती प्रदान किया है। इस तरह भारत में निवेश का माहौल सकारात्मक बना हुआ है और उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले महीनों में एफपीआई का निवेश में बढ़ोतरी हो सकती है।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

एफपीआई का भारत में निवेश क्यों बढ़ रहा है?

एफपीआई का निवेश भारत में अनुकूल वैश्विक रुख, मजबूत घरेलू आर्थिक बुनियाद, और भारतीय कंपनियों के अच्छे तिमाही परिणामों के कारण बढ़ रहा है।

क्या भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का एफपीआई निवेश पर असर पड़ा है?

हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है, फिर भी एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में निवेश जारी रखा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि उन्हें भारतीय बाजार में विश्वास है।

एफपीआई ने अप्रैल में कितने रुपये का निवेश किया था?

एफपीआई ने अप्रैल में भारतीय शेयर बाजार में 4,223 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो तीन महीनों के बाद उनका पहला निवेश था।

क्या एफपीआई के लिए भारत एक आकर्षक बाजार है?

हां, भारत की बढ़ती जीडीपी, घटती मुद्रास्फीति, और ब्याज दरों में कमी के कारण एफपीआई के लिए भारतीय बाजार आकर्षक बना हुआ है।