नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) देश इस साल गर्मियों में 270 गीगावाट तक की अधिकतम बिजली की मांग को पूरा करने के लिए तैयार है।
केंद्रीय बिजली सचिव पंकज अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ताप बिजली संयंत्रों को पूरी क्षमता से चलाना अनिवार्य करेगी। खासकर आयातित कोयले का उपयोग करने वाले संयंत्रों के लिए ऐसा किया जाएगा।
देश 2024 में गर्मियों के दौरान 250 गीगावाट की अधिकतम बिजली मांग को पूरा कर सका था।
अग्रवाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश के ताप बिजली संयंत्र के पास 5.1 करोड़ टन का पर्याप्त कोयला भंडार है। यह 21 दिनों के बिजली उत्पादन के लिए पर्याप्त है।
उन्होंने भरोसा दिया, ”अगर हमें जरूरत पड़ी तो हम मांग को पूरा करने के लिए धारा 11 (बिजली कानून की) को लागू करेंगे।”
धारा 11 के तहत सरकार को यह अधिकार मिलता है कि वह असाधारण परिस्थितियों में बिजली उत्पादकों को तय तरीके से संयंत्रों को संचालित करने के लिए निर्देश दे सके।
बिजली मंत्रालय ने पिछले साल की शुरुआत में धारा 11 को लागू किया था और आयातित कोयले का उपयोग करने वाले संयंत्रों को पूरी क्षमता से चलाने का आदेश दिया था।
बिजली सचिव अग्रवाल ने बताया कि भारत ने 2024 में गर्मियों के मौसम के दौरान 250 गीगावाट की अधिकतम बिजली मांग को पूरा किया है।
उन्होंने यह भरोसा भी दिया कि भारत इस साल गर्मियों के दौरान 270 गीगावाट बिजली की मांग को पूरा करने के लिए तैयार है।
इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश में पर्याप्त घरेलू कोयला है और देश की अधिकतम बिजली मांग 2030 में 335 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है।
मंत्री ने कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्रों के लिए ईंधन की आपूर्ति के बारे में कहा कि एक अप्रैल, 2025 से बायोमास पेलेट के मिश्रण का अनुपात मौजूदा पांच प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत किया जाएगा।
सरकार ने पिछले साल की शुरुआत में ईंधन की आपूर्ति में सुधार के लिए आयातित कोयले के मिश्रण को बढ़ाने का आदेश दिया था।
मंत्री ने कहा कि वर्तमान में आयातित कोयले का घरेलू कोयले के साथ मिश्रण लगभग एक प्रतिशत है, जो हमारे लक्ष्य के भीतर है।
उन्होंने कहा, ‘‘कार्बन बाजार अगले साल के मध्य में परिचालन में आ जाएगा।
मंत्री ने कहा, ‘हम 2026 के मध्य में घरेलू कार्बन बाजार शुरू करने जा रहे हैं। इससे देश में कार्बन क्रेडिट के व्यापार में मदद मिलेगी।’
भाषा पाण्डेय रमण
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