Swiss Banks: स्विस बैंकों में भारतीयों ने जमा कर रखे हैं इतने रुपये, एक साल में इतने प्रतिशत की बढ़ोतरी, आंकड़ें जान उड़ जाएंगे आपके होश

स्विस बैंकों में भारतीयों ने जमा कर रखे हैं इतने रुपये, Indians have deposited this much money in Swiss banks

Modified Date: June 19, 2025 / 11:56 PM IST
Published Date: June 19, 2025 9:29 pm IST

नई दिल्ली:  Swiss Banks: स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा भारतीयों का धन 2024 में तीन गुना से अधिक होकर 3.5 अरब स्विस फ्रैंक (करीब 37,600 करोड़ रुपये) हो गया। स्थानीय शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों में रखे कोष में उछाल के साथ जमा राशि में वृद्धि हुई है। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के सालाना आंकड़ों से यह जानकारी मिली। हालांकि, भारतीयों के ग्राहक खातों में जमा धन केवल 11 प्रतिशत बढ़ा और यह 34.6 करोड़ स्विस फ्रैंक (लगभग 3,675 करोड़ रुपये) रहा। यह कुल धन का लगभग दसवां हिस्सा है। इससे पहले, 2023 में भारतीय व्यक्तियों और फर्मों द्वारा स्विस बैंकों में जमा धन में 70 प्रतिशत की गिरावट की आई थी और यह चार साल के निचले स्तर 1.04 अरब स्विस फ्रैंक पर आ गया था। इसमें स्थानीय शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से रखी जमा राशि शामिल है। बीते वर्ष की जमा राशि 2021 के बाद से सबसे अधिक है। उस समय स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि 14 साल के उच्चतम स्तर 3.83 अरब स्विस फ्रैंक पहुंच गई थी।

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Swiss Banks: ये स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) को बैंकों से मिले आधिकारिक आंकड़े हैं और स्विट्जरलैंड में भारतीयों द्वारा रखे गए बहुचर्चित कथित काले धन की मात्रा का संकेत नहीं देते हैं। इन आंकड़ों में वह राशि भी शामिल नहीं है जो भारतीयों, एनआरआई या अन्य लोगों ने तीसरे देश की संस्थाओं के नाम पर स्विस बैंकों में रखी हो सकती है। एसएनबी ने 2023 के अंत में स्विस बैंकों की ‘कुल देनदारियों’ या उनके भारतीय ग्राहकों के ‘बकाया राशि’ के रूप में कुल राशि 354.55 करोड़ स्विस फ्रैंक आंकी है। इसमें ग्राहक जमा में 34.6 करोड़ स्विस फ्रैंक (2023 के अंत में 31 करोड़ स्विस फ्रैंक से अधिक), अन्य बैंकों के माध्यम से रखे गए 3.02 अरब स्विस फ्रैंक (42.7 करोड़ स्विस फ्रैंक से अधिक), न्यासों के माध्यम से 4.1 करोड़ स्विस फ्रैंक (एक करोड़ स्विस फ्रैंक से अधिक) तथा बॉन्ड, प्रतिभूतियों और अन्य वित्तीय उत्पादों के रूप में 13.5 करोड स्विस फ्रैंक की राशि शामिल हैं। एसएनबी के आंकड़ों के अनुसार, 2006 में कुल राशि लगभग 6.5 अरब स्विस फ्रैंक के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर थी। वर्ष 2011, 2013, 2017, 2020, 2021, 2022 और 2023 समेत कुछ वर्षों को छोड़कर इसमें कमी आई है।एसएनबी के अनुसार, भारतीय ग्राहकों के प्रति स्विस बैंकों की ‘कुल देनदारियों’ के लिए इसके आंकड़ों में स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों के सभी प्रकार के कोष को शामिल किया गया है। इसमें व्यक्तियों, बैंकों और उद्यमों की जमा राशि भी शामिल है। इसमें भारत में स्विस बैंकों की शाखाओं के साथ-साथ गैर-जमा देनदारियों के आंकड़े भी शामिल है।

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दूसरी ओर, बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट (बीआईएस) के ‘स्थानीय बैंकिंग आंकड़ों’ ने 2024 के दौरान ऐसे कोष में लगभग छह प्रतिशत की वृद्धि दिखाई और यह 7.48 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 650 करोड़ रुपये) रही। पूर्व में बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट के इन आंकड़ों को भारतीय और स्विस अधिकारियों द्वारा स्विस बैंकों में भारतीय व्यक्तियों की जमा राशि के लिए अधिक भरोसेमंद माना जाता था। आंकड़ों के अनुसार, 2020 में लगभग 39 प्रतिशत की वृद्धि के बाद 2023 में इसमें 25 प्रतिशत, 2022 में 18 प्रतिशत और 2021 में आठ प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी। यह आंकड़ा स्विस बैंकों के भारतीय गैर-बैंक ग्राहकों के जमा और ऋणों को ध्यान में रखता है और 2018 में 11 प्रतिशत और 2017 में 44 प्रतिशत की गिरावट के बाद 2019 में सात प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वर्ष 2007 के अंत में यह 2.3 अरब डॉलर (9,000 करोड़ रुपये से अधिक) के उच्चस्तर पर पहुंच गया था।

स्विस अधिकारियों ने हमेशा यह कहा है कि स्विट्जरलैंड में भारतीय निवासियों की रखी गई संपत्ति को ‘काला धन’ नहीं माना जा सकता है और वे कर धोखाधड़ी और चोरी के खिलाफ अपनी लड़ाई में भारत का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। स्विट्जरलैंड और भारत के बीच कर मामलों में सूचनाओं का स्वचालित आदान-प्रदान 2018 से लागू है। इस ढांचे के तहत, 2018 से स्विस वित्तीय संस्थानों में खाते रखने वाले सभी भारतीय निवासियों की विस्तृत वित्तीय जानकारी पहली बार सितंबर, 2019 में भारतीय कर अधिकारियों को दी गई थी और इसका अनुपालन हर साल किया जा रहा है। इसके अलावा, स्विट्जरलैंड प्रथम दृष्टया सबूत दिये जाने के बाद वित्तीय गलत कामों में लिप्त होने के संदेह वाले भारतीयों के खातों के बारे में सक्रिय रूप से विवरण साझा कर रहा है। अबतक सैकड़ों मामलों में इस प्रकार सूचनाओं का आदान-प्रदान हुआ है।

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संस्थानों सहित विदेशी ग्राहकों का कुल कोष 2024 में 977 अरब स्विस फ्रैंक रहा जो 2023 में 983 अरब स्विस फ्रैंक था। परिसंपत्तियों के संदर्भ में, 2023 के अंत में भारतीय ग्राहकों के पास 1.59 अरब स्विस फ्रैंक थे। यह पिछले वर्ष से लगभग नौ प्रतिशत अधिक है। स्विस बैंकों में विदेशी ग्राहकों की रखी राशि के मामले में ब्रिटेन 222 अरब स्विस फ्रैंक के साथ शीर्ष पर है। उसके बाद दूसरे स्थान पर अमेरिका ( 89 अरब स्विस फ्रैंक) और तीसरे स्थान पर वेस्टइंडीज (68 अरब स्विस फ्रैंक) है। इन तीनों के बाद शीर्ष 10 में जर्मनी, फ्रांस, हांगकांग, लक्जमबर्ग, सिंगापुर, ग्वेर्नसे और संयुक्त अरब अमीरात हैं। भारत इस मामले मं 48वें स्थान पर है जबकि 2023 में 67वें स्थान पर था। हालांकि, यह 2022 के अंत में 46वें स्थान से नीचे है। पाकिस्तान के निवासियों की जमा राशि भी घटी है और यह 28.6 करोड़ से घटकर 27.2 करोड़ स्विस फ्रैंक पर रही। वहीं बांग्लादेश के मामले में यह 1.8 करोड़ स्विस फ्रैंक से बढ़कर 58.9 करोड़ स्विस फ्रैंक हो गई।

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