(राजकुमार लैशेम्बा, मुनिश शेखावत)
नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) भारत का वाहन उद्योग 2026 में अपेक्षाकृत मजबूत स्थिति के साथ प्रवेश कर रहा है, जहां बिक्री वृद्धि 6-8 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है। जीएसटी सुधारों, मौद्रिक स्थितियों में ढील और आयकर राहत जैसे नीतिगत समर्थन से सभी वाहन श्रेणियों में उपभोक्ता मांग को सहारा मिलने की संभावना है।
यह तेजी केवल चक्रीय सुधार का परिणाम नहीं है। वर्ष 2025 में यात्री वाहन बिक्री ने कमजोर शुरुआत के बाद तेज वापसी की, जिसे शहरी मांग में मजबूती, ग्रामीण आय में स्थिरता और वित्त पोषण का समर्थन मिला।
एसयूवी की मांग बनी रही, जबकि सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी बढ़ी। इससे पता चलता है कि पावरट्रेन में बदलाव क्रमिक और स्थिर है।
हालांकि 2027 से लागू होने वाले कैफे मानकों और भविष्य के उत्सर्जन नियमों की तैयारी के चलते अनुपालन लागत बढ़ने वाली है। इससे मार्जिन और कीमतों पर दबाव पड़ सकता है। दोपहिया वाहनों के लिए एबीएस और सीबीएस जैसी अनिवार्य सुरक्षा आवश्यकताएं पहले ही शुरुआती स्तर पर कीमतों को बढ़ा रही हैं और मूल्य संवेदनशील वर्गों में बिक्री वृद्धि को सीमित कर सकती हैं।
आपूर्ति पक्ष की बाधाएं अब भी एक संरचनात्मक चुनौती बनी हुई हैं। स्थानीयकरण में सुधार के बावजूद वैश्विक अनिश्चितताएं, शुल्क और मुद्रा अवमूल्यन के चलते चुनौतियां बनी हुई है।
इस बीच निवेश चक्र में भी बदलाव आ रहा है। वाहन निर्माता विद्युतीकरण, चार्जिंग अवसंरचना और मंच उन्नयन पर पूंजी आवंटन बढ़ा रहे हैं। साथ ही निकट अवधि की मांग को पूरा करने के लिए पारंपरिक पावरट्रेन को भी विस्तार दे रहे हैं। यह दोहरी रणनीति उस बाजार को दर्शाती है, जो धीरे धीरे बदलाव की ओर बढ़ रहा है।
मारुति सुजुकी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिसाशी ताकेउची ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2026 में जीएसटी लाभ पूरी तरह सामने आएंगे, जिससे उद्योग की वृद्धि 7-8 प्रतिशत सालाना तक पहुंचेगी और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस के चेयरमैन सी एस विग्नेश्वर ने कहा कि डीलरों को भरोसा है कि 2025 में दोपहिया और यात्री वाहन खंड दो अंकों की वृद्धि दर्ज करेगा।
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शैलेश चंद्रा ने कहा कि जीएसटी सुधार, रेपो दर में कटौती और आयकर लाभ जैसे नीतिगत कारक वहन क्षमता बढ़ाएंगे और मांग को प्रोत्साहित करेंगे।
होंडा कार्स इंडिया के उपाध्यक्ष कुणाल बहल ने कहा कि एसयूवी की निरंतर मांग और क्रमिक विद्युतीकरण भारत को वैश्विक ऑटो बाजार में और मजबूत बनाएंगे।
भाषा पाण्डेय
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