नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष एल मुरुगन ने गुरुवार को मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। कार्यभार संभालने के बाद मुरुगन ने कहा कि वह देश भर के किसानों के कल्याण के लिए काम करेंगे। मुरुगन मंत्रालय में अपने वरिष्ठ मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला की सहायता के लिए संजीव बाल्यान के साथ काम करेंगे।
तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष एल मुरुगन (L Murugan) को बुधवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया। दरअसल तमिलनाडु में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी दो दशक बाद चार सीट जीतने में सफल रही थी। ऐसे में एल मुरुगन को इसी के पुरस्कार स्वरूप बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जगह दी गई है। माना जा रहा है कि अच्छे प्रदर्शन के बलबूते ही मुरुगन को पीएम मोदी ने अपनी कैबिनेट में शामिल किया है। क्योंकि मुरुगन जब मार्च 2020 में बीजेपी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष बने थे तब उनके पास विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के लिए मुश्किल से एक साल का समय था। बावजूद इसके उनका प्रदर्शन शानदार रहा।
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तमिलनाडु में द्रविड़ विचारधारा की गहरी जड़ों के चलते हिन्दुत्व को आगे रखने वाली पार्टी का नेतृत्व करना मुरुगन के लिए कोई आसान काम नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत जरूरत पड़ने पर ‘सॉफ्ट द्रविड़ विचारधारा’ को अपनाने में झिझक नहीं दिखाई और इसके साथ ही अपनी पार्टी के राष्ट्रवाद को भी बरकरार रखा। मुरुगन को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जगह मिलने पर राजनीतिक विश्लेषक सुमंत रमण ने कहा कि बीजेपी के प्रदेश प्रमुख ने बड़ी मेहनत की, जिसकी वजह से पार्टी को राज्य में चार विधानसभा सीटों पर जीत मिली। वहीं चुनाव में मुरुगन खुद भी बहुत कम वोटों के अंतर से हारे थे।
बीजेपी प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने कहा कि मुरुगन परिश्रमी, अत्यंत सक्रिय और ऊर्जावान युवा हैं। जब उन्हें पार्टी ने अपना प्रदेश प्रमुख बनाया तो उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया। बीस साल से अधिक समय से जमीनी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे दलित नेता मुरुगन बीजेपी में शामिल होने से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े थे। उन्हें उनके संगठनात्मक कौशल के लिए भी जाना जाता है।
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मुरुगन धारापुरम (सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र से 1,393 मतों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे। द्रमुक सहयोगी के रूप में बीजेपी 2001 के विधानसभा चुनाव में चार सीट जीतने में कामयाब रही थी। इस बार अन्नाद्रमुक सहयोगी के रूप में बीजेपी ने जीत की वही कहानी दोहराई और चार सीटों पर जीत दर्ज की।
तमिलनाडु के नामक्कल जिले के रहने वाले 44 साल के अधिवक्ता मुरुगन प्रदेश बीजेपी प्रमुख बनने से पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष थे। उन्हें अब बीजेपी शासित किसी राज्य से राज्यसभा के लिए निर्वाचित किए जाने की उम्मीद है। कानून में पीजी करने वाले मुरुगन ने मानवाधिकार कानूनों में डॉक्टरेट की है।
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