श्रम संहिताएं रोजगार को संगठित रूप देंगी, निरीक्षकों की भूमिका सुविधा प्रदान करने वाली: मांडविया

श्रम संहिताएं रोजगार को संगठित रूप देंगी, निरीक्षकों की भूमिका सुविधा प्रदान करने वाली: मांडविया

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  • Publish Date - December 18, 2025 / 02:35 PM IST,
    Updated On - December 18, 2025 / 02:35 PM IST

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में लागू किए गए श्रम कानून के ‘मनमाने तरीके से नौकरी पर रखने व निकालने’ और ‘इंस्पेक्टर राज’ को बढ़ावा देने की चिंताओं को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया और कहा कि नए कानून रोजगार को संगठित रूप देंगे जबकि निरीक्षक चीजों को सुगम बनाने की भूमिका निभाएंगे।

नए नियमों के तहत, 300 कर्मचारियों वाली इकाइयों में छंटनी, कर्मचारियों की कटौती एवं इकाइयों को बंद करने के लिए सरकारी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। पहले 100 कर्मचारियों वाली इकाइयों को ऐसी अनुमति की आवश्यकता नहीं थी।

‘टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव’ को संबोधित करते हुए मांडविया ने कहा, ‘‘ हमने देश में रोजगार को संगठित रूप दिया है और प्रति इकाई श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर 300 कर दी है, जो पहले 100 थी।’’

उन्होंने कहा कि पहले नियोक्ता कानूनी झंझटों से बचने के लिए 100 श्रमिकों को औपचारिक रोजगार देते थे और बाकी को असंगठित रूप से नियोजित करते थे।

मांडविया ने कहा कि नए नियमों ने इन बचे हुए श्रमिकों के रोजगार को संगठित रूप दे दिया है और उन्हें वे सभी लाभ मिलेंगे जो एक पंजीकृत कर्मचारी को मिलते हैं।

अनुपालन का बोझ बढ़ाकर ‘इंस्पेक्टर राज’ को बढ़ावा देने की चिंताओं पर उन्होंने स्पष्ट किया कि निरीक्षक किसी उद्योग के काम में बाधा डालने वाला नहीं बल्कि सुविधादाता होगा।

मंत्री ने कहा कि वे (निरीक्षक) अग्नि सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा जैसे सभी सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करेंगे जो विशेष रूप से खनन क्षेत्र में महिलाओं को रात्रिकालीन पाली में काम करने की अनुमति देने के लिए आवश्यक शर्तें हैं।

उन्होंने आश्वासन दिया कि नए कानूनों में सभी प्रावधान, बदलते समय और आधुनिक औद्योगिक गतिविधियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं।

चार श्रम कानून वेतन संहिता, 2019; औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 ; सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य स्थितियों संहिता, 2020 21 नवंबर 2025 को अधिसूचित किए गए।

इन चार संहिताओं ने 29 मौजूदा श्रम कानूनों को सुव्यवस्थित किया। इन सुधारों में महिलाओं के लिए विस्तारित अधिकार और सुरक्षा शामिल हैं।

भाषा निहारिका रमण

रमण