ललित मोदी की सिंगापुर में मध्यस्थता कार्रवाई के खिलाफ दायर उनकी मां की याचिका सुनवाईयोग्य: अदालत

ललित मोदी की सिंगापुर में मध्यस्थता कार्रवाई के खिलाफ दायर उनकी मां की याचिका सुनवाईयोग्य: अदालत

ललित मोदी की सिंगापुर में मध्यस्थता कार्रवाई के खिलाफ दायर उनकी मां की याचिका सुनवाईयोग्य: अदालत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:33 pm IST
Published Date: December 28, 2020 1:52 pm IST

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि दिवंगत उद्योगपति के के मोदी की पत्नी द्वारा अपने बेटे ललित मोदी की परिवार के संपत्ति विवाद मामले को लेकर सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत में कार्रवाई शुरू करने के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला करने का उसके पास अधिकार है।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की पीठ ने उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश द्वारा इससे पहले दिए गए फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें एकल पीठ ने कहा था कि ललित मोदी की मां बीना, उनकी बहन चारु और उनके भाई समीर द्वारा मध्यस्थता को रोकने की याचिका उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है और वे सिंगापुर में मध्यस्थता न्यायाधिकरण के समक्ष इस याचिका को ले जाने के लिए स्वतंत्र हैं।

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एकल न्यायाधीश ने कहा था कि मध्यस्थता -रोधी आदेश पर निर्णय उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं, इसलिए यचिकाएं विचारयोग्य नहीं हैं और खारिज की जाती हैं।

बीना ,चारू और समीर ने दो अलग-अलग वाद में कहा था कि पारिवारिक सदस्यों के बीच संपत्ति को लेकर ट्रस्ट डीड है और भारतीय कानून के मुताबिक के के मोदी पारिवारिक समझौतों के मामलों को किसी अन्य देश में मध्यस्थता के जरिए नहीं हल किया जा सकता। उन्होंने ललित मोदी को मुकदमा चलाने या आपात उपायों और उनके खिलाफ मध्यस्थता की कार्यवाही जारी रखने से रोकने की मांग की थी।

के के मोदी ने सेटलर/प्रबंधक न्यासी के तौर पर लंदन में न्यास दस्तावेज तैयार कराए थे और बीना, ललित, चारू तथा समीर इसके सदस्य थे। के के मोदी का पिछले वर्ष दो नवंबर को निधन हो गया था जिसके बाद संपत्ति के न्यासियों के बीच विवाद शुरू हो गया।

भाषा

पाण्डेय महाबीर

महाबीर


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