नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) उद्योग निकाय सीआईआई ने रविवार को कहा कि भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए देश भर में 3-5 प्रतिशत की एक समान स्टांप शुल्क दरों जैसे व्यापक भूमि सुधारों की जरूरत है।
सीआईआई ने आम सहमति पर आधारित सुधारों के लिए जीएसटी परिषद जैसी संस्था के गठन पर जोर दिया।
एक बयान में कहा गया कि संरक्षणवाद और व्यापार युद्ध के चलते चुनौतियां हैं, लेकिन भारत का स्थिर नीतिगत ढांचा, मजबूत औद्योगिक क्षमताएं, बड़ा घरेलू बाजार और युवा कार्यबल इसे एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाता है।
इसके अलावा कई देशों के बीच एक विश्वसनीय और सक्षम भागीदार के रूप में भारत की प्रतिष्ठा से भी इसे बढ़त मिलती है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने प्रत्येक राज्य में एकीकृत भूमि प्राधिकरण स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है, और रूपांतरण प्रक्रिया के पूर्ण डिजिटलीकरण की भी वकालत की है। इसके अलावा राज्यों में स्टांप शुल्क दरों को 3-5 प्रतिशत की एक समान सीमा तक युक्तिसंगत बनाने का सुझाव दिया है।
सीआईआई ने कहा कि राज्यों को ऐसी भूलेख प्रणाली अपनानी चाहिए जो स्पष्ट स्वामित्व सुनिश्चित करे।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय