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नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विभिन्न क्षेत्रों में मिशन रूप में सुधार किए जाने की जरूरत पर जोर दिया ताकि दीर्घकालीन आर्थिक वृद्धि को सुनिश्चित किया जा सके।
प्रधानमंत्री ने वित्त वर्ष 2026-27 के केंद्रीय बजट की तैयारियों के संदर्भ में नीति आयोग में जाने-माने अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ बातचीत में यह बात कही।
इस संवाद का विषय ‘आत्मनिर्भरता एवं संरचनात्मक रूपांतरण: विकसित भारत के लिए एजेंडा’ था।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की नीति-निर्माण प्रक्रिया और बजट निर्धारण में 2047 के लिए संकल्प को केंद्रीय रूप से रखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश को वैश्विक श्रम शक्ति और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाए रखना जरूरी है।
मोदी ने ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प अब सरकारी नीतियों से इतर आम जन आकांक्षा बन चुका है।
इस चर्चा में कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों एवं विशेषज्ञों ने शिरकत की। इनमें शंकर आचार्य, अशोक के भट्टाचार्य, एन. आर. भानुमूर्ति, अमिता बत्रा, जन्मेजय सिन्हा, अमित चंद्रा, रजनी सिन्हा, बसंत प्रधान, मदन सबनवीस, आशिमा गोयल, धर्मकीर्ति जोशी, उमाकांत दास, पिनाकी चक्रवर्ती, इंद्रनील सेन गुप्ता, समीरन चक्रवर्ती, अभिमान दास, राहुल बाजोरिया, मोनिका हलन और सिद्धार्थ सन्याल शामिल थे।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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