रायपुर। Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपना आधिकारिक बयान जारी किया है। ईडी ने घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा और चैतन्य बघेल की भूमिका को ‘पॉलिटिकल एग्जीक्यूटिव’ के रूप में बताया है। ईडी ने अपने बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ रह चुकी सौम्या चौरसिया पूरे शराब घोटाले की मुख्य को-ऑर्डिनेटर थीं। उनके जरिए प्रशासनिक, राजनीतिक और कारोबारी स्तर पर नेटवर्क संचालित किया गया।
Chhattisgarh Liquor Scam: प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक राज्य में शराब नीति के माध्यम से कुल 2883 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया। इस मामले में अब तक 382.82 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों को अटैच किया जा चुका है। ईडी की कार्रवाई के तहत रायपुर स्थित होटल वेलिंगटन कोर्ट समेत ढेबर परिवार और बघेल परिवार से जुड़ी 1000 से अधिक संपत्तियों को अटैच किया गया है। इसमें जमीन, भवन, होटल, फ्लैट और अन्य व्यावसायिक परिसंपत्तियां शामिल हैं।
ED, Raipur has filed another Supplementary Prosecution Complaint on 26.12.2025 detailing a massive corruption scheme executed within the Excise Department of State of Chhattisgarh between 2019 and 2023, under PMLA, 2002, in ongoing investigation into the massive Chhattisgarh… pic.twitter.com/VISlkkMKPX
— ED (@dir_ed) December 30, 2025
ईडी ने संकेत दिए हैं कि शराब घोटाले की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं। एजेंसी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग के तहत सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इधर ईडी के इस आधिकारिक बयान के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, वहीं शराब घोटाले को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप भी और तीखे होने की संभावना जताई जा रही है।