एमपीसी ब्योरा: आरबीआई गवर्नर ने नीतिगत दर कटौती को उचित मौद्रिक नीति कदम बताया

एमपीसी ब्योरा: आरबीआई गवर्नर ने नीतिगत दर कटौती को उचित मौद्रिक नीति कदम बताया

एमपीसी ब्योरा: आरबीआई गवर्नर ने नीतिगत दर कटौती को उचित मौद्रिक नीति कदम बताया
Modified Date: February 21, 2025 / 06:50 pm IST
Published Date: February 21, 2025 6:50 pm IST

मुंबई, 21 फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने कहा कि मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के स्तर पर रखने के लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए इस समय नीतिगत दर में कटौती एक उचित मौद्रिक नीति प्रतिक्रिया है।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की हाल में हुई बैठक में सदस्यों की बातों का ब्योरा शुक्रवार को जारी किया गया। इसमें मल्होत्रा के हवाले से उक्त बात कही गई।

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एमपीसी के पांच अन्य सदस्यों के साथ मल्होत्रा ​​ने अल्पकालिक नीतिगत दर (रेपो) में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत करने के पक्ष में मतदान किया।

आरबीआई ने पांच-सात फरवरी तक आयोजित अपनी बैठक में पांच साल बाद दर में कटौती की।

ब्योरे के अनुसार मल्होत्रा ​​ने कहा, ”व्यापक आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए मुद्रास्फीति के लक्ष्य के अनुरूप रहने की उम्मीद है, और यह मानते हुए कि मौद्रिक नीति भविष्योन्मुखी है, मैं इस समय कम नीति दर को अधिक सही मानता हूं।”

उन्होंने अपनी पहली एमपीसी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वैश्विक वित्तीय बाजारों और व्यापार नीति के मोर्चे पर बढ़ती अनिश्चितताओं के साथ ही मौसम की प्रतिकूल घटनाओं के कारण मुद्रास्फीति और वृद्धि के लिहाज से जोखिम पैदा हो रहा है।

केंद्रीय बैंक ने दर में कमी की है, हालांकि उसने मौद्रिक नीति के तटस्थ रुख को जारी रखा है।

मल्होत्रा ​​ने कहा, ”इससे उभरते व्यापक आर्थिक माहौल पर प्रतिक्रिया करने के लिए लचीलापन मिलेगा। इस कदम से मौद्रिक नीति अपने लक्ष्य को पूरा करने और भारतीय अर्थव्यवस्था की सतत वृद्धि में अपनी भूमिका निभा सकेगी।”

मुद्रास्फीति में अक्टूबर के बाद से नरमी आई है। जनवरी में यह पांच महीने के निचले स्तर 4.3 प्रतिशत पर थी।

एमपीसी सदस्य और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा कि मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत के लक्ष्य की ओर बढ़ने के साथ ही रेपो दर में कमी से आर्थिक वृद्धि के बारे में चिंताओं को दूर करने में मदद मिलेगी।

राव ने कहा, ”बजट में घोषित राजकोषीय उपायों के साथ इस मौद्रिक नीति उपाय से समग्र मांग की स्थिति को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, सरकार ने राजकोषीय मजबूती के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है, जिससे मध्यम अवधि में मुद्रास्फीति को स्थिर करने में मदद मिलेगी।”

आरबीआई के कार्यकारी निदेशक और एमपीसी के सदस्य राजीव रंजन ने कहा कि फरवरी 2025 में नीतिगत दर में कटौती सबसे तर्कसंगत और उचित कदम है।

एमपीसी के बाहरी सदस्यों – नागेश कुमार, सौगत भट्टाचार्य और राम सिंह – ने भी रेपो दर में कमी के लिए मतदान किया था। नागेश कुमार ने चीन में अतिरिक्त क्षमता को डंप करने के खतरे के बारे में चिंता जताई थी। भट्टाचार्य ने कहा कि मुद्रास्फीति में कमी के साथ दर में कटौती एक उचित नीतिगत प्रतिक्रिया है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


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