एमएसएमई को निर्यात मूल्य के बराबर दरों पर इस्पात की आपूर्ति मिलेगी

एमएसएमई को निर्यात मूल्य के बराबर दरों पर इस्पात की आपूर्ति मिलेगी

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  • Publish Date - April 22, 2025 / 08:22 PM IST,
    Updated On - April 22, 2025 / 08:22 PM IST

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) इस्पात उद्योग ने सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को निर्यात मूल्य के समान दरों पर आपूर्ति करने के लिए सहमति जताई है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने इस चिंता को भी दूर किया कि कुछ आयात उत्पादों पर लगाए गए रक्षोपाय शुल्क से छोटे उद्यमों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

सरकार ने सोमवार को हॉट रोल्ड कॉयल, चादर और प्लेट जैसे इस्पात उत्पादों पर 200 दिन के लिए 12 प्रतिशत का अस्थायी रक्षोपाय (सेफगार्ड) शुल्क लगाया है, ताकि घरेलू कंपनियों को सस्ते आयात से बचाया जा सके। यह फैसला वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डीजीटीआर की सिफारिश के बाद लिया गया।

इस्पात सचिव संदीप पौंड्रिक ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा, ”जहां तक ​​एमएसएमई के बारे में आपका सवाल है, इस्पात उद्योग पहले ही इस बात पर सहमत हो चुका है कि वे एमएसएमई को निर्यात समता मूल्यों पर आपूर्ति करेंगे।”

उन्होंने कहा, ‘‘इस्पात उद्योग एमएसएमई को निर्यात के लिए ईईपीसी (इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन निकाय) के साथ बातचीत कर रहा है। वे बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने पहले ही यह व्यवस्था लागू कर दी है, ताकि एमएसएमई पर इस्पात की ऊंची कीमत का असर न पड़े।’’

निर्यात समता मूल्य से आशय समायोजित अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य से है, जिस पर घरेलू उत्पादक माल ढुलाई और निर्यात संबंधी लागत को ध्यान में रखते हुए विदेशी बाजारों में इस्पात बेचते हैं।

एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी दरों की पेशकश करके सरकार यह सुनिश्चित करती है कि छोटे निर्माताओं को नीतिगत हस्तक्षेपों के कारण कीमतों में उछाल का नुकसान न उठाना पड़े।

सचिव ने यह भी कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी उद्योगों को उचित मूल्य मिले। यह सामान्य बात है कि कुछ उद्योग केंद्र के फैसले की आलोचना करेंगे, क्योंकि इस्पात अंतिम उत्पाद नहीं है और कोई भी उपभोक्ता उद्योग इस फैसले को पसंद नहीं करेगा।

सचिव ने आगे कहा कि चीन और वियतनाम के खिलाफ दो डंपिंग-रोधी जांच चल रही हैं, सुनवाई पूरी हो चुकी है और जल्द ही सिफारिशें आने की उम्मीद है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय