नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने श्रीराम अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के कर्ज समाधान पेशेवर (आरपी) को हटाने के एनसीएलटी के आदेश को बरकरार रखा है।
इसके साथ ही एनसीएलएटी ने मंगलवार को उक्त समाधान पेशेवर के खिलाफ जांच करने का निर्देश भारतीय ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला बोर्ड (आईबीबीआई) को देते हुए कहा कि कानून के अनुरूप कार्रवाई की जाए।
एनसीएलएटी की दो-सदस्यीय पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का कर्ज समाधान के लिए नियुक्त पेशेवर को हटाने का फैसला उसके न्यायाधिकार के भीतर ही लिया गया है। इस समाधान पेशेवर ने श्रीराम अर्बन इन्फ्रा के कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) की बैठक बुलाने के लिए कदम नहीं उठाया था।
न्यायमूर्ति राकेश कुमार और श्रीशा मर्ला की पीठ ने कहा कि इस कंपनी के खिलाफ दिवालिया समाधान प्रक्रिया छह नवंबर, 2019 को शुरू की गई थी लेकिन कर्जदाताओं की पहली बैठक डेढ़ साल बाद ही आयोजित हो पाई।
एनसीएलटी ने 11 नवंबर, 2022 को पारित अपने आदेश में समाधान पेशेवर श्रीगोपाल चौधरी को हटाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही सभी कागजात एवं दस्तावेज नवनियुक्त समाधान पेशेवर सपन मोहन गर्ग को सौंपने का निर्देश भी दिया था। इस निर्देश को एनसीएलएटी में चुनौती दी गई थी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय