मुंबई, 19 मई (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने बुधवार को डीएचएफएल के प्रशासक को गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी से बेदखल किए गए प्रवर्तक कपिल वधावन का निपटान प्रस्ताव कर्जदाताओं के विचारार्थ प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
न्यायाधिकरण ने अपने मौखिक आदेश में, दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक को कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) के सामने निपटान योजना प्रस्तुत करने को कहा।
सीओसी को प्रस्ताव पर विचार करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है।
बीते साल 2020 की दूसरी छमाही में वधावन ने सीओसी को यह निपटान प्रस्ताव दिया था जिसे कर्जदाताओं ने खारिज कर दिया था।
प्रस्ताव में वधावन ने संपत्तियों की बिक्री के जरिए कर्जदाताओं के पैसे चुकाने का प्रस्ताव दिया था।
ऋणदाताओं ने विश्वसनीयता की कमी और संपत्तियों की प्रस्तावित बिक्री से संबंधित मूल्याकंन का हवाला देते हुए प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
कर्जदाताओं ने जनवरी 2021 में दिवालियापन की प्रक्रिया के तहत डीएचएफएल को पिरामल समूह को बेचने के पक्ष में मतदान किया था।
रिजर्व बैंक और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इसके लिए जहां मंजूरी दे दी है, एनसीएलटी से अंतिम मंजूरी मिलने का इंतजार है।
भाषा
प्रणव रमण
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