फंसे कर्ज वाले करीब 80 बड़े खातों को राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी के हवाले किया जा सकता है

फंसे कर्ज वाले करीब 80 बड़े खातों को राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी के हवाले किया जा सकता है

फंसे कर्ज वाले करीब 80 बड़े खातों को राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी के हवाले किया जा सकता है
Modified Date: November 29, 2022 / 08:53 pm IST
Published Date: May 20, 2021 3:23 pm IST

नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) बैंक करीब 80 बड़े एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) यानी फंसे कर्ज वा₨ले खाते राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (एनएआरसीएल) को हस्तांतरित कर सकते हैं। सूत्रों ने यह जानकरी दी।

एनएआरसीएल के अगले महीने तक परिचालन में आने की उम्मीद है।

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वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में घोषित एनएआरसीएल ‘बैड बैंक’ का नाम है। बैड बैंक से मतलब ऐसे वित्तीय संस्थान से है जो बैंकों के फंसे कर्ज खातों को अपने कब्जे में लेता है और उसका समाधान करता है।

सूत्रों के अनुसार इनमें प्रत्येक एनपीए खातों का आकार 500-500 करोड़ रुपये से अधिक है और बैंकों ने ऐसे करीब 70-80 खातों की पहचान की है जिसे प्रस्तावित बैड बैंक को हस्तांतरित किया जाएगा।

उसने कहा कि इससे 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का फंसा कर्ज बैंकों के बही-खातों से बाहर होगा और बैड बैंक के जिम्मे जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अपने फंसे कर्ज के एवज में अधिक मात्रा में प्रावधान करना पड़ता है। इसे ठीक करने के लिये बैंकों के बही-खातों को दुरूस्त करने को लेकर कदम उठाने की जरूरत है।

उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा था, ‘दबाव वाले कर्ज यानी फंसी संपत्ति को निकालने और उसका निपटान करने के लिये ‘संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लि. और संपत्ति प्रबंधन कपंनी का गठन किया जाएगा।’’

वित्त मंत्री के अनुसार उसके बाद इन संपत्तियों का प्रबंधन और निपटान वैकल्पिक निवेश कोष तथा अन्य संभावित निवेशकों के जरिये किया जाएगा।

एनएआरसीएल कर्ज के लिये तय मूल्य का 15 प्रतिशत नकद देगी जबकि शेष 85 प्रतिशत सरकारी गारंटी वाली प्रमुभूतियों के रूप में होगा।

अगर निर्धारित सीमा से अधिक नुकसान होता है, तो सरकारी गारंटी को भुनाया जाएगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने साफ किया है कि जो कर्ज धोखाधड़ी वाली श्रेणी में हैं, उसे एनएआरसीएल को नहीं बेचा जाएगा। आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2020 की स्थिति के अनुसार 1.9 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को धोखाधड़ी वाले ऋण की श्रेणी में रखा गया है।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर


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