New Vehicle Policy 2025: पेट्रोल हो या डीजल गाड़ी 8 साल से ज्यादा नहीं दौड़ेगी सड़कों पर, पूरे देश में लागू होगा नया नियम, लिया गया बड़ा फैसला

New Vehicle Policy 2025: पेट्रोल हो या डीजल गाड़ी 8 साल से ज्यादा नहीं दौड़ेगी सड़कों पर, पूरे देश में लागू होगा नया नियम, लिया गया बड़ा फैसला

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  • Publish Date - July 7, 2025 / 04:36 PM IST,
    Updated On - July 7, 2025 / 04:36 PM IST

New Vehicle Policy 2025: पेट्रोल हो या डीजल गाड़ी 8 साल से ज्यादा नहीं दौड़ेगी सड़कों पर, पूरे देश में लागू होगा नया नियम / Image Source: File

HIGHLIGHTS
  • अब ओला-ऊबर की टैक्सियां सिर्फ 8 साल चलेंगी
  • 20% टैक्सियां 8 साल से पुरानी
  • सेफ्टी फीचर्स और प्रदूषण नियंत्रण

नई दिल्ली: New Vehicle Policy 2025 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी डीजल गाड़ियों के नो पेट्रोल पॉलिसी लागू किए जाने के बाद पूरे NCR में हड़कंप मच गया था। हालांकि भारी विरोध के बाद सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया है और एक बार फिर पुरानी गाड़ियां सड़क पर दौड़ने लगीं हैं। लेकिन इस बीच खबर आ रही है कि सरकार ने ओला और उबर जैसी राइड-हेलिंग सर्विस को लेकर बड़ा फैसला लिया है।

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New Vehicle Policy 2025 मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने तय किया है कि ओला और उबर जैसी सर्विस देने वाली गाड़ियों को सिर्फ 8 साल तक चला सकेंगे। यानि अब ओला और उबर में चलने वाली गाड़ियों की 8 साल बाद वैलिडिटी खत्म हो जाएगी। यह नियम पूरे देश में लागू होगा और इससे हजारों ड्राइवरों की रोजी-रोटी और लाखों यात्रियों के अनुभव पर असर पड़ेगा। आइए जरा विस्तार से इसकी डिटेल्स जानते हैं।

बताया जा रहा है कि नई ​गाड़ियों के मुकाबले पुरानी गाड़ियों में सुविधाएं जैसे एयरबैग, ABS वाले सेफ्टी फिचर्स नहीं पाए जाते थे, लेकिन अब सरकार ने इन सुविधाओं को जरूरी कर दिया है। इसके साथ ही पु​रानी गाड़ियों से प्रदुषण भी ज्यादा होता है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। इन्हीं सब कारणों को देखते हुए सरकार ने ऐसा फैसला लिया है।

दूसरी ओर कई ड्राइवरों ने गाड़ियां लोन पर ली हैं, जिनकी EMI अभी पूरी नहीं हुई हैं। अब गाड़ी को 8 साल बाद बंद करना उनके लिए आर्थिक बोझ बनेगा। इसके अलावा पेट्रोल और डीजल की कीमतें, ऐप कमीशन और लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा पहले से ही ड्राइवरों की कमाई पर असर डाल रही है। अगर सरकार कोई सहायता योजना नहीं लाती, तो कई ड्राइवरों को मजबूरी में टैक्सी बंद करनी पड़ सकती है।

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ओला (Ola) और ऊबर (Uber) के डेटा के अनुसार, 20% टैक्सियां 8 साल से ज्यादा पुरानी हैं, जिन्हें या तो रिप्लेस करना पड़ेगा या सिर्फ निजी उपयोग के लिए रखना होगा। इन टैक्सियों को छोटे शहरों में निजी कार के रूप में बेचा जा सकता है, जिससे सेकेंड हैंड कार बाजार को भी फायदा मिलेगा।

 

ओला और ऊबर में चलने वाली टैक्सी की वैधता कितने साल की होगी?

अब ओला और ऊबर जैसी राइड-हेलिंग सेवाओं में गाड़ियां सिर्फ 8 साल तक ही चल सकेंगी।

क्या "8 साल बाद ओला टैक्सी बंद" का नियम पूरे भारत में लागू होगा?

जी हां, यह नियम पूरे भारत में लागू किया जाएगा और हर राज्य को इसका पालन करना होगा।

"8 साल बाद ओला टैक्सी बंद" के नियम से ड्राइवरों पर क्या असर होगा?

जिन ड्राइवरों ने गाड़ियां लोन पर ली हैं, उनकी EMI अभी बाकी है। उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

क्या पुरानी ओला/ऊबर टैक्सी को निजी कार की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है?

हां, 8 साल के बाद गाड़ियों को टैक्सी के रूप में नहीं, लेकिन निजी उपयोग या सेकंड हैंड सेल में बदला जा सकता है।

"8 साल बाद ओला टैक्सी बंद" नियम के पीछे सरकार का तर्क क्या है?

सरकार का मानना है कि पुरानी गाड़ियों में सेफ्टी फीचर्स नहीं होते और वे ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं, इसलिए यह फैसला जरूरी है।