सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से नौ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.62 लाख करोड़ रुपये घटा

सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से नौ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.62 लाख करोड़ रुपये घटा

सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से नौ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.62 लाख करोड़ रुपये घटा
Modified Date: November 29, 2022 / 07:52 pm IST
Published Date: November 28, 2021 2:50 pm IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से नौ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 2,62,146.32 करोड़ रुपये की गिरावट आई। सबसे अधिक नुकसान में बजाज फाइनेंस और रिलायंस इंडस्ट्रीज रहीं।

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाले सूचकांक सेंसेक्स में 2,528.86 अंक यानी 4.24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से सिर्फ भारती एयरटेल के बाजार पूंजीकरण में ही बीते सप्ताह बढ़ोतरी हुई।

समीक्षाधीन सप्ताह में बजाज फाइनेंस का बाजार पूंजीकरण 41,518.24 करोड़ रुपये घटकर 4,10,670.50 करोड़ रुपये रह गया।

 ⁠

रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार मूल्यांकन 38,440.66 करोड़ रुपये की गिरावट के साथ 15,30,109.51 करोड़ रुपये पर आ गया।

इसी तरह इन्फोसिस की बाजार हैसियत 37,950.03 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 7,10,925.34 करोड़ रुपये तथा एचडीएफसी की 33,067.68 करोड़ रुपये की गिरावट के साथ 4,96,168.98 करोड़ रुपये रह गई।

भारतीय स्टेट बैंक के बाजार मूल्यांकन में 29,852.83 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 4,19,902.97 करोड़ रुपये पर आ गया। आईसीआईसीआई बैंक का मूल्यांकन 28,567.03 करोड़ रुपये घटकर 5,01,039.91 करोड़ रुपये रह गया।

इसी तरह एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 26,873.77 करोड़ रुपये घटकर 8,25,658.59 करोड़ रुपये पर और हिंदुस्तान यूनिलीवर का 14,778.93 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 5,48,570.82 करोड़ रुपये पर आ गया।

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की बाजार हैसियत 11,097.15 करोड़ रुपये घटकर 12,74,563.64 करोड़ रुपये रह गई।

इस रुख के उलट भारती एयरटेल का बाजार पूंजीकरण 12,769.55 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 4,05,009.55 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

इस गिरावट के बावजूद रिलायंस इंडस्ट्रीज शीर्ष 10 कंपनियों में पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, एसबीआई, बजाज फाइनेंस तथा भारती एयरटेल का स्थान रहा।

भाषा अजय प्रेम


लेखक के बारे में