नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन में किसी एक राज्य को विशेष सुविधा देने का कोई खास नियम या गुंजाइश नहीं है।
मंत्रालय का यह बयान तेलंगाना के उद्योग और वाणिज्य मंत्री के टी रामाराव के आरोप को लेकर मीडिया में आई रिपोर्ट के बाद आया है। उन्होंने आरोप लगाया था कि नामांकन के आधार पर गुजरात खनिज विकास निगम (जीएमडीसी) को बड़ी संख्या में लिग्नाइट खदानों का आवंटन किया गया है।
कोयला मंत्रालय ने कहा, ‘‘कोयला ब्लॉक के आवंटन में एक राज्य सरकार को तरजीह देने के आरोप को संज्ञान में लिया गया है। यह बिल्कुल झूठा और तथ्यों से परे है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘…एक राज्य को तरजीह देने का जो दावा किया जा रहा है, वह पूरी तरह निराधार और भ्रामक है।’’
मंत्रालय कहा कि 2015 में जीएमडीसी को दो लिग्नाइट ब्लॉक आवंटित किए गए थे और इसी तरह तेलंगाना सरकार के स्वामित्व वाली इकाई एससीसीएल को तीन कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए थे।
एससीसीएल को आवंटित तीन कोयला खदानों में से पेंगाडप्पा और नया पतरापारा ब्लॉक को केंद्र की ‘छूट’ योजना के तहत कंपनी ने वापस कर दिया है।
बयान के अनुसार सभी प्रकार की मंजूरी प्राप्त करने में मदद के बावजूद 2015 में एससीसीएल को आवंटित नैनी ब्लॉक अभी भी तेलंगाना सरकार ने चालू नहीं किया है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘वाणिज्यिक खनन शुरू होने बाद किसी भी राज्य या केंद्रीय उपक्रमों को आवंटन आधार पर कोई कोयला/लिग्नाइट ब्लॉक नहीं दिया गया है।’’
भाषा
रमण अजय
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