एनपीसीआई की मंजूरी के साथ तीसरे पक्ष से जी-पे लेन-देन की सूचनाएं साझा करने की है मंजूरी: गूगल

एनपीसीआई की मंजूरी के साथ तीसरे पक्ष से जी-पे लेन-देन की सूचनाएं साझा करने की है मंजूरी: गूगल

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  • Publish Date - September 24, 2020 / 03:12 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) डिजिटल भुगतान ऐप गूगल पे (जीपे) का संचालन करने वाली कंपनी गूगल इंडिया डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि उसे ग्राहक की लेनदेन संबंधी जानकारी को तीसरे पक्ष के साथ साझा करने को लेकर एनपीसीआई और भुगतान सेवा प्रदान करने वाले (पीएसपी) बैंक की ओर से पूर्वानुमति प्राप्त है।

गूगल ने एक जनहित याचिका का जवाब देते हुए मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष दायर अपने हलफनामे में यह जानकारी दी। एक अधिवक्ता ने डेटा के स्थानीयकरण व भंडारण से संबंधित भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों का कथित रूप से उल्लंघन करने को लेकर जीपे के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली जनहित याचिका दायर की है।

उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई 10 नवंबर को सूचीबद्ध किया क्योंकि केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अभी तक जवाब नहीं दिया हैं।

गूगल ने अपने हलफनामे में कहा है कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा जारी किये गये यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) प्रक्रियात्मक दिशानिर्देशों के तहत जीपे जैसे ऐप को तीसरे पक्ष व समूह की कंपनियों के साथ ग्राहकों के लेनदेन का डेटा साझा करने की अनुमति है। यह भी कहा गया कि जीपे केवल एनपीसीआई दिशानिर्देशों के अनुसार साधारण ग्राहक डेटा – जैसे नाम, पता, ईमेल आईडी और लेनदेन से संबंधित विवरणों को ही संग्रहित करता है।

डेबिट कार्ड नंबर या यूपीआई पिन जैसे भुगतान के लिहाज से संवेदनशील डेटा का संग्रहण नहीं किया जाता है। एक ग्राहक के भुगतान के लिहाज से संवेदनशील डेटा को केवल पीएसपी बैंक के सर्वर पर ही संग्रहित किया जाता है।

भाषा

सुमन महाबीर

महाबीर