एनटीपीसी ने नए खरीद मॉडल में वाणिज्यिक खनिकों से छह महीने में 30 लाख टन कोयला खरीदा

एनटीपीसी ने नए खरीद मॉडल में वाणिज्यिक खनिकों से छह महीने में 30 लाख टन कोयला खरीदा

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  • Publish Date - April 13, 2025 / 06:51 PM IST,
    Updated On - April 13, 2025 / 06:51 PM IST

(अभिषेक सोनकर)

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक एनटीपीसी ने कंपनी तक पहुंचाने (डोरस्टेप डिलीवरी) के नए खरीद मॉडल के तहत पिछले छह महीनों में वाणिज्यिक खनिकों से सीधे 30 लाख टन कोयला खरीदा है।

कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य आगामी गर्मी के मौसम में बिजली उत्पादन के लिए कोयले की उपलब्धता बढ़ाना है।

इस मॉडल के तहत, नीलामी के माध्यम से चुने गए वाणिज्यिक कोयला खनिक के ऊपर कंपनी तक कोयला पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है।

इससे पहले, एनटीपीसी अपनी कोयला जरूरत का एक बड़ा हिस्सा कोल इंडिया से खरीदती थी। यह अपने खुद की निजी खदानों और आयात से भी कोयला प्राप्त करती थी।

एनटीपीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, “कंपनी ने कंपनी तक कोयला पहुंचाने के लिए एक नया खरीद मॉडल अपनाया है। कंपनी कोयला भी खरीद रही है, और ‘नीलामी के माध्यम से घरेलू कोयला खरीद’ के लिए एक निविदा जारी की गई है।”

नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने बताया कि पिछले छह महीनों में एनटीपीसी ने कई खरीद निविदाओं के माध्यम से लगभग 30 लाख टन तापीय कोयला खरीदा है।

इस अवधारणा को समझाते हुए अधिकारी ने कहा कि कंपनी के लिए लॉजिस्टिक एक मुद्दा बन जाता है और इससे कोयला खरीद की लागत बढ़ जाती है। इसलिए, एनटीपीसी ने कंपनी को कोयला आपूर्ति करने के लिए केवल वाणिज्यिक खनिकों से ही रुचि आमंत्रित करते हुए एक निविदा जारी की।

कोल इंडिया नीलामी में बोली लगाने वाली कंपनी नहीं हो सकती है और जीतने वाली पार्टी कोल इंडिया से खरीदे गए कोयले की आपूर्ति भी नहीं कर सकती है।

बाजार विश्लेषकों ने कहा कि एनटीपीसी कोल इंडिया से कोयले की सबसे बड़ी खरीदार है और अगर लंबे समय में यह खरीद मॉडल सफल होता है, तो इससे खनिक की बिक्री पर असर पड़ेगा।

इस साल गर्मियों के मौसम में 277 गीगावाट बिजली की अधिकतम मांग के सरकारी अनुमान के बीच यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण हो जाता है।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय