विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख से बीते सप्ताह तेल-तिलहन कीमतों में सुधार | Oil-oilseed prices improve last week as foreign markets stand firm

विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख से बीते सप्ताह तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख से बीते सप्ताह तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : February 7, 2021/5:57 am IST

नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) बीते सप्ताह सरकार की ओर से कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क और उपकर में वृद्धि किये जाने के फैसले तथा स्थानीय मांग में आई तेजी के बाद सीपीओ सहित बाकी देशी तेल-तिलहनों की कीमतों में सुधार आया। इस दौरान लगभग सभी तेल -तिलहनों के भाव लाभ दर्शाते बंद हुए।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि पिछले सप्ताह सरकार ने (सीपीओ) ने आयात शुल्क और उपकर मिलाकर 5.5 प्रतिशत की वृद्धि की है जिसका बाकी खाद्य तेल कीमतों पर अनुकूल असर हुआ। इसके अलावा कोरोना वायरस का प्रकोप कुछ कम होने से कारोबार फिर से हरकत में आया है जिसकी वजह से विभिन्न खाद्य तेलों की स्थानीय मांग भी बढ़ी है। यह स्थिति समीक्षाधीन सप्ताह में तेल-तिलहन कीमतों में आयी तेजी का मुख्य कारण है।

समीक्षाधीन सप्ताह में सरसों तेल-तिलहन के भाव पर्याप्त सुधार दशाते बंद हुए। सूत्रों का कहना है कि मंडियों में सरसों की आवक शुरू हो गई है, लेकिन खरीदारों में पुरानी सरसों की मांग है। नयी फसल के सरसों तेल में अभी हरापन है और इसे अच्छी तरह परिपक्व होने में अभी लगभग एक महीने का समय लगेगा इसलिए खरीदारों में पुरानी सरसों की मांग बढ़ी है। इसके अलावा जाड़े की मांग होने से सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया।

मूंगफली में निर्यात के साथ-साथ जाड़े की स्थानीय खपत की मांग भी है। इस वजह से मूंगफली दाना और इसके तेल की कीमतों में भी पर्याप्त सुधार दर्ज हुआ।

सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा मूंगफली तेल के महंगा होने से भी बिनौला तेल की मांग बढ़ी है जिससे समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल कीमत में भी सुधार देखने को मिला। हरियाणा से गुजरात में बिनौला तेल 10,750 रुपये क्विन्टल के भाव भेजा गया है जो इस तेल की मांग बढ़ने का संकेत देता है।

उन्होंने कहा कि देशी सोयाबीन दाना की मांग बढ़ी है क्योंकि सरसों के मुकाबले यह 15 रुपये किलो सस्ता बैठ रहा है और इसका भाव लगभग बिनौला तेल के बराबर आ गया है। महाराष्ट्र के शोलापुर और लातूर के तेल संयंत्रों में सोयाबीन का भाव बढ़कर 4,850 रुपये क्विन्टल हो गया। इसके अलावा सोयाबीन खली की निर्यात मांग में आई तेजी को देखते हुए समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल-तिलहनों के भाव में भी सुधार आया।

सूत्रों ने कहा कि गुजरात की जगह इस बार मध्य प्रदेश के सोयाबीन साल्वेंट की देश के विभिन्न भागों में आपूर्ति की जा रही है। जिसकी वजह से मध्य प्रदेश में इस स्थानीय तेल का भाव 10,550 रुपये से बढ़कर 10,650 रुपये क्विन्टल हो गया।

सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में सूरजमुखी दाना के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से 15 से 20 प्रतिशत नीचे हैं, जो किसानों को आगे इसकी खेती करने से हतोत्साहित करेगा। एक समय में देश अपनी जरूरत भर के सूरजमुखी का उत्पादन खुद कर लेता था लेकिन मौजूदा समय में हम काफी मात्रा में इस तेल के आयात पर निर्भर हो गये हैं। सूत्रों ने कहा कि देश में एक बार फिर इसके उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिये ताकि इस तेल का हमें आयात न करना पड़े।

गौरतलब है कि अभी कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार सहित कई राज्यों में सूरजमुखी की बिजाई होने वाली है। ऐसे में सरकार को सूरजमुखी की एमएसपी से कम दाम पर बिक्री की रोकथाम के समुचित उपाय करने होंगे।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन दाना और लूज के भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले क्रमश: 75 रुपये और 140 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 4,725-4,775 रुपये और 4,625-4,675 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए।

सोयाबीन दिल्ली के भाव पिछले सप्ताहांत के स्तर पर पूर्ववत रहा, जबकि सोयाबीन इंदौर और डीगम तेल के भाव क्रमश: 110 रुपये और 200 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 11,650 रुपये और 10,800 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए।

सूत्रों का कहना है कि सोयाबीन इंदौर का भाव शुक्रवार से सुधरा है और आगे इसमें सुधार होने की संभावना है। सोयाबीन डीगम में गिरावट का कारण स्थानीय सोयाबीन तेल के उत्पादन में आया सुधार है।

गत सप्ताहांत सरसों दाना 300 रुपये सुधरकर 6,325-6,375 रुपये क्विन्टल और सरसों दादरी तेल 750 रुपये सुधरकर 12,500 रुपये क्विन्टल तथा सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल की कीमतें 90-90 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 1,940-2,050 रुपये और 2,070-2,185 रुपये प्रति टिन पर बंद हुईं।

निर्यात गतिविधियों में आई तेजी के बीच मूंगफली दाना सप्ताहांत में 175 रुपये के सुधार के साथ 5,665-5,730 रुपये क्विन्टल और मूंगफली गुजरात तेल 500 रुपये के सुधार के साथ 14,250 रुपये क्विन्टल पर बंद हुआ। मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड की कीमत भी समीक्षाधीन सप्ताहांत में 90 रुपये सुधरकर 2,270-2,330 रुपये प्रति टिन बंद हुई।

आयात शुल्क और उपकर में वृद्धि किये जाने के बाद कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 100 रुपये सुधरकर 9,900 रुपये पर बंद हुआ। रिफाइंड पामोलिन दिल्ली का भाव 11,400 रुपये पर अपरिवर्तित बना रहा जबकि पामोलीन कांडला (बिना जीएसटी) 50 रुपये सुधरकर 10,650 रुपये क्विंटल हो गया।

समीक्षाधीन सप्ताहांत में बिनौला तेल भी 100 रुपये बढ़कर (बिना जीएसटी के) 10,500 रुपये क्विंटल हो गया।

भाषा राजेश

अजय

अजय

 

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