धनतेरस-दिवाली पर केंद्र सरकार बेच रही बाजार से सस्ता सोना, 13 नवंबर है आखिरी तारीख, ऐसे कर सकते हैं खरीदी… देखिए

धनतेरस-दिवाली पर केंद्र सरकार बेच रही बाजार से सस्ता सोना, 13 नवंबर है आखिरी तारीख, ऐसे कर सकते हैं खरीदी... देखिए

  •  
  • Publish Date - November 9, 2020 / 01:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

नईदिल्ली। दिवाली या धनतेरस के शुभ मौके पर सोना खरीदने का अच्छा मौका केंद्र सरकार दे रही है। यदि आप ज्वेलरी के तौर पर सोना नहीं खरीदना चाहते हैं तो इस खास योजना में निवेश कर सकते हैं। दरअसल आप अगर फिजिकली गोल्ड नहीं खरीदना चाहते हैं तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश कर सकते हैं। इसके कई लाभ हैं।

ये भी पढ़ें:पेट्रोनेट एलएनजी के पूर्व सीईओ रिलायंस समूह की कंपनी में नियुक्त

त्योहारी सीजन में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत आज से हो गई है, वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की यह आठवीं सब्सक्रिप्शन सीरीज है, अगर आप गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना चाहते हैं तो 13 नवंबर तक मौका है। यानी आप 9 नवंबर से 13 नवंबर तक इस योजना में निवेश कर सकते हैं । इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी, इसका मकसद भौतिक रूप से सोने की मांग में कमी लाना और सोने की खरीद में घरेलू बचत का इस्तेमाल वित्तीय बचत में करना है।

ये भी पढ़ें: वाणिज्यिक कोयला खनन: नीलामी में बिके 19 ब्लॉकों से सालाना 7,000 करो…

इस बार आरबीआई ने सोने की इश्यू प्राइस 5177 रुपये प्रति ग्राम तय की है, रिजर्व बैंक के मुताबिक ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों के लिए प्रति ग्राम पर 50 रुपये की छूट मिलेगी। यानी एक ग्राम सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए 5,127 रुपये भुगतान करना होगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2020-21 की सातवीं सीरीज के तहत पिछले महीने 12 से 16 अक्टूबर के बीच ओपन हुआ था, तब एक ग्राम गोल्ड बॉन्ड का दाम RBI ने 5,051 रुपये निर्धारित किया था। इस सरकारी गोल्‍ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे सोने की रेट से कम होती है, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में गोल्‍ड की कीमत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से तय की जाती है, इस बॉन्ड में न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होता है, इस पर टैक्‍स भी छूट मिलती है, इसके अलावा स्‍कीम के जरिए बैंक से लोन भी लिया जा सकता है।

ये भी पढ़ें: आलोक सिंह ने संभाला एअर इंडिया एक्सप्रेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी…

आरबीआई भारत सरकार की तरफ से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। इस बॉन्ड में निवेश एक ग्राम के गुणकों में किया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा एक व्यक्ति के लिए एक साल में 500 ग्राम है। वहीं हिन्दू संयुक्त परिवार एक साल के दौरान अधिकतम 4 किलोग्राम सोने की कीमत के बराबर तक का बॉन्ड खरीद सकते हैं। ट्रस्ट और वित्तीय वर्ष के समान इकाइयों के मामले में निवेश की ऊपरी सीमा 20 किलोग्राम है।

ये भी पढ़ें: रुपया सात पैसे घटकर 74.15 रुपये प्रति डालर पर हुआ बंद

जैसे ही सोने की कीमतों में इजाफा होता है, वैसे ही गोल्ड बॉन्ड निवेशकों को इसका फायदा मिलता है। ये बॉन्‍ड पेपर और इलेक्‍ट्रॉनिक फॉर्मेट में होते हैं। जिससे आपको फिजिकल गोल्‍ड की तरह लॉकर में रखने का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता। इस गोल्‍ड की बिक्री बैंकों, डाकघरों, एनएसई और बीएसई के अलावा स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के जरिए होती है। बॉन्‍ड पर सालाना कम से कम ढाई फीसदी का रिटर्न मिलेगा. गोल्ड बॉन्ड में किसी तरह की धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती है। ये बॉन्ड्स 8 साल के बाद मैच्योर होंगे। मतलब साफ है कि 8 साल के बाद भुनाकर इससे पैसा निकाला जा सकता है। यहीं नहीं, पांच साल के बाद इससे बाहर निकलने का विकल्प भी होता है।