(अनिल भट्ट)
(तस्वीर के साथ)
कटरा, छह जून (भाषा) कश्मीर घाटी में रेल संपर्क शुरू होने से जहां एक ओर लोग खुशी मना रहे हैं, वहीं पड़ोसी जम्मू के व्यापारी थोड़े चिंतित हैं। उन्हें डर सताने लगा है कि यात्री सीधे कश्मीर चले जाएंगे, जिससे उनका व्यापार प्रभावित होगा।
इसी कारण कटरा जिले के व्यापारी संगठनों ने सरकार से इस आर्थिक प्रभाव पर विचार करने और इससे निपटने का आग्रह किया है।
जम्मू ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज आनंद ने रेल सेवा की शुरुआत पर कहा, “हम इस ऐतिहासिक कदम के लिए प्रधानमंत्री को बधाई देते हैं। यह कश्मीर को हर मौसम में संपर्क प्रदान करेगा। …लेकिन इसका जम्मू के व्यापार पर अनिवार्य रूप से असर पड़ेगा। सरकार को इस पहलू पर गौर करना चाहिए।”
कटरा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चिनाब रेल पुल का उद्घाटन किया जो दुनिया का सबसे ऊंचे मेहराब वाला रेलवे पुल है। मोदी ने जम्मू-कश्मीर में अंजी नदी पर बने भारत के पहले ‘केबल-स्टेड’ रेलवे पुल का भी उद्घाटन किया।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना 43,780 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित है। इस 272 किलोमीटर लंबे मार्ग में 119 किलोमीटर की 36 सुरंगें और हिमालय के दुर्गम इलाकों से होकर गुजरने वाले 943 पुल शामिल हैं।
व्यवसायी सुदर्शन सिंह ने जम्मू के व्यापार और आजीविका की रक्षा के लिए एक नीति बनाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “यह सिर्फ वाणिज्य के बारे में नहीं है। यह पर्यटन, यात्रा और जम्मू में लोगों के रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करेगा। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह स्थानीय हितों की रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाएं।”
जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष अरुण गुप्ता ने इसके लिए सरकार की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, “मैं यह सपना पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि एक ट्रेन अब कश्मीर तक पहुंचने में सक्षम है। इसके लिए बहुत सारे प्रयास किए गए होंगे, और मैं उन्हें जम्मू कश्मीर के निवासियों के साथ बधाई देता हूं।”
घाटी में, बढ़ी हुई रेल संपर्क से पर्यटकों की संख्या को काफी बढ़ावा मिलने, कृषि, बागवानी, और हस्तकला उत्पादों को राष्ट्रीय बाजारों में बढ़ावा देने और सामान, कच्चे माल और यात्रियों का तेज और अधिक आवागमन सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
भाषा अनुराग प्रेम
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