(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 17 अक्टूबर (भाषा) पाकिस्तान इस सप्ताह वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की निगरानी सूची बाहर निकल सकता है। एक मीडिया रिपोर्ट में सोमवार को यह बात कही गई।
धन शोधन और आंतकवाद के वित्तपोषण पर रोक लगाने में विफल रहने के बाद पड़ोसी देश को जून 2018 में इस श्रेणी में शामिल किया गया था।
डॉन अखबार के अनुसार धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने में कानूनी, वित्तीय, नियामक, जांच, अभियोजन, न्यायिक और गैर-सरकारी क्षेत्र की कमियों के चलते पाकिस्तान को एफएटीएफ की निगरानी सूची में डाला गया था।
धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर पेरिस स्थित वैश्विक निगरानीकर्ता ने कहा, ”सिंगापुर के टी राजा कुमार की अध्यक्षता के तहत एफएटीएफ की पहली बैठक 20-21 अक्टूबर को होगी।”
पाकिस्तान ने 27 सूत्री कार्य योजना के तहत इन कमियों को दूर करने के लिए उच्च स्तरीय राजनीतिक प्रतिबद्धताएं जताई हैं। बाद में इन कार्रवाई बिंदुओं की संख्या बढ़ाकर 34 कर दी गई।
एफएटीएफ की 40 सिफारिशों के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान के निगरानी सूची में बने रहने से इस्लामाबाद के लिए आईएमएफ, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ से वित्तीय सहायता पाना कठिन हो गया था। ऐसे में नकदी की कमी से जूझ रहे इस देश में समस्याएं और बढ़ गईं हैं।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
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