इस दिन से कम हो जाएंगे पेट्रोल-डीजल के दाम! केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया ऐलान

Petrol Diesel Price Drop केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ऐसी जानकारी दी है, जिसे जानकर आप राहत की सांस लेंगे

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  • Publish Date - October 18, 2022 / 05:13 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

नई दिल्ली: Petrol Diesel Price Drop देश में तेजी से बढ़ती महंगाई से जनता हलाकान हैं। रोजना दैनिक उपभोग की वस्तुओं के दाम में बदलाव देखने को मिल रहा है। हालांकि पेट्रोल-डीजल की स्थिर कीमतों से जनता को राहत मिली है। इस बीच केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ऐसी जानकारी दी है, जिसे जानकर आप राहत की सांस लेंगे। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोल-डीजल के दाम सस्ता किए जाने के क्षेत्र में सरकारी के प्रयासों की जानकारी दी है।

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Petrol Diesel Price Drop हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि हम एथनॉल उत्पादन की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और मेरा मानना है कि 20 फीसदी मिश्रण वाला ईंधन अप्रैल, 2023 से पहले दिसंबर या जनवरी में बाजार में आ जाएगा। आपको बता दें ब्राजील जहां फ्लेक्स ईंधन वाले वाहन उपलब्ध हैं और उपभोक्ता अपनी पसंद के अनुसार एथनॉल या पेट्रोल ले सकते हैं। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यही सरकार का अंतिम लक्ष्य होगा। हालांकि उस स्तर तक पहुंचने के लिए कुछ तकनीकी पहलू हैं और काम चल रहा है।

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उन्होंने कहा है कि हम एथनॉल मिश्रण को लेकर वाहन विनिर्माता कंपनियों के साथ एक बड़ी बैठक करने जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि पेट्रोल में एथनॉल-मिश्रण 2013 में 0.67 फीसदी था जोकि मई 2022 में बढ़कर 10 फीसदी हो गया है। यह 27 लाख टन सीओ2 उत्सर्जन को कम कर रहा है जो पर्यावरण के लिए अच्छा है।

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अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुमानों के मुताबिक, भारत आने वाले दो दशकों में वैश्विक ऊर्जा खपत में वृद्धि का एक-चौथाई (25%) योगदान देगा। बीपी का अनुमान है कि भारत की ऊर्जा मांग दोगुनी हो जाएगी, जबकि प्राकृतिक गैस की मांग 2050 तक पांच गुना बढ़ने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में पाइपलाइन का कार्य तेज गति से हो रहा है। 2014 तक गैस पाइपलाइन 14,000 किलोमीटर तक थी, जो आज 22,000 किलोमीटर से अधिक तक पहुंची है। इसे 35,500 किलोमीटर तक ले जाने का लक्ष्य है।

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उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने विकासशील अर्थव्यवस्था को कच्चे तेल और गैस की बढ़ती कीमतों से बचाते हुए वैश्विक ऊर्जा चुनौतियों का अच्छी तरह से सामना किया है। भारतीय पेट्रोलियम उद्योग अवसर के शिखर पर है और 2030 तक अपनी कच्चे तेल की मांग का 25 फीसदी उत्पादन करने में सक्षम होगा। वर्तमान में हमारे देश में हर दिन 50 लाख बैरल पेट्रोलियम की खपत हो रही है और इसमें भी तीन फीसदी की वृद्धि हो रही है, जबकि वैश्विक औसत लगभग एक फीसदी से अधिक है। पुरी ने यहां तीन दिन की पांचवी साउथ एशियन जियोसाइंस कॉन्फ्रेंस जियो इंडिया 2022 का उद्घाटन किया।

 

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