(Petrol Diesel Price Today 29 October, Image Credit: ANI News)
नई दिल्ली: Petrol Diesel Price Today 29 October: अब हर दिन की शुरुआत सिर्फ सुबह की धूप से नहीं होती, बल्कि पेट्रोल और डीजल की नई दरों से भी होती है, जो सीधे आम आदमी की जेब पर प्रभाव डालती है। देश की तेल विपण कंपनियां (OMCs) रोजाना सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के ताजा रेट जारी करती है। ये कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की चाल और डॉलर-रुपये के विनिमय दर में हुए बदलाव पर निर्भर करती है। चाहे ऑफिस जाने वाला आदमी हो या फल-सब्जी बेचने वाला दुकानदार हर कोई इन बदलावों से प्रभावित होता ही है।
हर दिन की दरों पर नजर बनाए रखना अब केवल जरूरत ही नहीं, बल्कि समझदारी बन चुकी है। कीमतों का यह रोजाना अपडेट उपभोक्ताओं को अपने महीने का खर्च और बजट की बेहतर योजना बनाने में काफी मदद करता है। सरकार की पारदर्शी मूल्य निर्धारण प्रणाली यह सुनिश्चित करती है है कि जनता तक सही और अद्यतन जानकारी पहुंच सके।
आज यानी 29 अक्टूबर 2025 को देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल के भाव इस प्रकार हैं :
| शहर | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
| नई दिल्ली | 94.72 | 87.62 |
| मुंबई | 104.21 | 92.15 |
| कोलकाता | 103.94 | 90.76 |
| चेन्नई | 100.75 | 92.34 |
| अहमदाबाद | 94.49 | 90.17 |
| बेंगलुरु | 102.92 | 89.02 |
| हैदराबाद | 107.46 | 95.7 |
| जयपुर | 104.72 | 90.21 |
| लखनऊ | 94.69 | 87.8 |
| पुणे | 104.04 | 90.57 |
| चंडीगढ़ | 94.3 | 82.45 |
| इंदौर | 106.48 | 91.88 |
| पटना | 105.58 | 93.8 |
| सूरत | 95 | 89 |
| नासिक | 95.5 | 89.5 |
मई 2022 के बाद केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा टैक्स में कटौती की गई थी। इसके बाद से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता बरकरार है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव जरूर बनी हुई है, लेकिन घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दरें तुलनात्मक रूप से स्थिर बनी हुई है, जिससे महंगाई पर कुछ नियंत्रण देखने को मिला है।
पेट्रोल और डीजल का उत्पादन कच्चे तेल से होता है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत बढ़ने या घटने से भारतीय खुदरा दरों पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
भारत अपनी जरूरत के अधिकतर कच्चा तेल आयात करता है। चूंकि आयात डॉलर में होता है, इसलिए रुपये की कमजोरी ईंधन को महंगा बना देती है।
केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर टैक्स वसूलती हैं, जो अंतिम खुदरा मूल्य का बड़ा हिस्सा होते हैं। इसी कारण से अलग-अलग राज्यों में दरों में अंतर देखने को मिलता है।
कच्चे तेल को पेट्रोल-डीजल में बदलने की प्रक्रिया (रिफाइनिंग) पर भी खर्च होता है। इसके साथ ही ट्रांसपोर्टेशन लागत भी अंतिम कीमत को प्रभावित करती है।
त्योहारों या मौसमी मांग बढ़ने से ईंधन की खपत बढ़ती है, जिससे कीमतों में बदलाव आती है।