बिजली मंत्रालय ने नवीकरणीय ऊर्जा के लिये पारेषण शुल्क से छूट की समय सीमा दो साल बढ़ायी

बिजली मंत्रालय ने नवीकरणीय ऊर्जा के लिये पारेषण शुल्क से छूट की समय सीमा दो साल बढ़ायी

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  • Publish Date - June 21, 2021 / 03:01 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को सौर और पवन ऊर्जा स्रोतों से उत्पादित बिजली के लिये अंतर-राज्यीय पारेषण शुल्क से छूट की समय सीमा दो साल बढ़ाने की घोषणा की।

इसके साथ छूट अब 30 जून, 2025 तक उपलब्ध होगी। अब तक यह 30 जून, 2023 तक के लिये उपलब्ध थी।

इसके अलावा, छूट अब जल विद्युत पंप भंडारण संयंत्र (पीएसपी) और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) परियोजनाओं के लिये भी उपलब्ध होगी।

बिजली मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘मंत्रालय ने 30 जून 2025 तक चालू होने वाली सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं से उत्पादित बिजली के पारेषण पर अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) शुल्क छूट के विस्तार को लेकर सोमवार को एक आदेश जारी किया।’’

मंत्रालय के अनुसार इस आदेश से सौर, पवन, जल विद्युत पंप भंडारण प्रणाली और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के विकास तथा बिजली एक्सचेंज में नवीकरणीय ऊर्जा के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही इससे विभिन्न राज्यों में नवीकरणीय ऊर्जा का सुचारू पारेषण हो सकेगा।

बयान के अनुसार, 30 जून, 2023 तक चालू सौर और पवन परियोजनाओं से उत्पादित बिजली के पारेषण पर अंतर-राज्यीय पारेषण शुल्क छूट अब 30 जून, 2025 तक बढ़ा दी गई है।

इसमें कहा गया है कि 30 जून, 2025 तक चालू जल विद्युत पीएसपी और बीईएसएस परियोजनाओं के लिये आईएसटीएस शुल्क से छूट की अनुमति दी गयी है।

इससे ग्रिड के सुचारू रूप से काम करने के लिये जरूरी जलविद्युत पंप भंडारण संयंत्र (पीएसपी) और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा। ग्रिड से बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा के पारेषण की उम्मीद है। 2030 तक करीब 4,50,000 मेगावाट नीकरणीय ऊर्जा के बिजली ग्रिड से जुड़ने की संभावना है, ऐसे में ग्रिड के सुचारू से क्रियान्वयन यानी संतुलन के लिये पीएसपी और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली जरूरी है।

बयान के अनुसार सौर, पवन ऊर्जा, पीएसपी और बीईएसएस से उत्पादित/आपूर्ति होने वाली बिजली के कारोबार के लिये भी पारेषण शुल्क से छूट की अनुमति दी गयी है। यह छूट दो साल यानी 30 जून, 2023 तक हरित बिजली की खरीद-बिक्री बाजार में मिलेगी।

इससे बिजली एक्सचेंज में नवीकरणीय ऊर्जा के कारोबार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर