‘बाढ़-रोधी’ मक्का फसल के लिए परीक्षण प्रयोगशाला में बदली पंजाब की बाढ़

‘बाढ़-रोधी’ मक्का फसल के लिए परीक्षण प्रयोगशाला में बदली पंजाब की बाढ़

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  • Publish Date - September 8, 2025 / 07:33 PM IST,
    Updated On - September 8, 2025 / 07:33 PM IST

नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) पंजाब की विनाशकारी बाढ़ ने अनजाने में बाढ़ प्रतिरोधी मक्का फसलों के परीक्षण के लिए एक प्राकृतिक प्रयोगशाला बना दी है, जो राज्य भर में 1.9 लाख हेक्टेयर क्षतिग्रस्त कृषि भूमि को बहाल करने के लिए काम कर रहे वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े प्रदान करती है।

अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संगठन (सीआईएमएमवाईटी) पहले से ही अपने लुधियाना संयंत्र में मक्का की 10 संकर किस्मों का क्षेत्र परीक्षण कर रहा था, जब बाढ़ का पानी आया और राज्य के 1,400 गांवों की कृषि भूमि जलमग्न हो गई। चार प्रायोगिक संकर विशेष रूप से जल-जमाव सहनशीलता के लिए विकसित किए गए थे।

बोरलॉग इंस्टिट्यूट फॉर साउथ एशिया (बीआईएसए) के प्रबंध निदेशक डॉ. बी एम प्रसन्ना ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ईश्वर इन संकर का परीक्षण कर रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ ही हफ्तों में, हमें जल-जमाव सहन करने वाले संकर और संवेदनशील संकर के बीच का अंतर पता चल जाएगा।’’

उन्होंने बताया कि यह बाढ़ पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा सीआईएमएमवाईटी-बीआईएसए से संपर्क करने के दो हफ़्ते बाद आई है, जिसमें उन्होंने तीन विशिष्ट विशेषताओं वाले उन्नत मक्का संकर विकसित करने का अनुरोध किया था: जिसमें जल-जमाव सहनशीलता, फ़ॉल आर्मीवर्म कीट के प्रति प्रतिरोध, और ग्रीष्मकालीन खेती के लिए जल-उपयोग दक्षता किस्में शामिल हैं।

इस प्राकृतिक आपदा ने नियंत्रित परीक्षणों में लगने वाले वर्षों के समय को तेज़ कर दिया है, जिससे वास्तविक दुनिया के सत्यापन आंकड़े उपलब्ध हुए हैं जो पंजाब के कृषि सुधार प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

सीआईएमएमवाईटी के महानिदेशक ब्रैम गोवार्ट्स ने कहा, ‘‘हमें तेज़ी से प्रतिक्रिया देनी होगी, क्योंकि मौसम के मिज़ाज, जलवायु प्रभाव, विभिन्न चुनौतियां तेज़ी से आती हैं और अधिक अप्रत्याशित होती हैं।’’

सरकारी अनुमान के अनुसार, पंजाब की बाढ़ ने गुरदासपुर, कपूरथला, फिरोजपुर और अमृतसर सहित कई जिलों को प्रभावित किया है, तथा 1.75 लाख एकड़ से अधिक कृषि भूमि जलमग्न हो गई है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय