भारत सरकार से वसूली को एयर इंडिया के बाद कई और सरकारी कंपनियों केयर्न के ‘निशाने’ पर

भारत सरकार से वसूली को एयर इंडिया के बाद कई और सरकारी कंपनियों केयर्न के ‘निशाने’ पर

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  • Publish Date - June 27, 2021 / 06:48 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

(अम्मार जैदी)

नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) भारत सरकार से अपने बकाया की वसूली के लिए ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी की निगाह अब एयर इंडिया के बाद अमेरिका से लेकर सिंगापुर तक सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य कंपनियों तथा बैकों की संपत्तियों पर है। पिछली तारीख से कर मामले में मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने केयर्न के पक्ष में फैसला दिया है, जिसके बाद उसे भारत सरकार से वसूली करनी है।

कंपनी के एक अधिवक्ता ने कहा कि केयर्न कई देशों में मुकदमा दायर करेगी, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को भारत सरकार पर बकाया 1.2 अरब डॉलर के साथ ब्याज और जुर्माने के भुगतान के लिए ‘जिम्मेदार’ बनाया जा सके।

पिछले महीने केयर्न ने न्ययॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए अमेरिकी जिला अदालत में मुकदमा दायर किया था। केयर्न ने कहा था कि एयर इंडिया पर भारत सरकार का नियंत्रण है। ऐसे में एयरलाइन पर पंचनिर्णय के तहत भुगतान का दायित्व बनता है।

कंपनी का प्रतिनिधित्व कर रही विधि कंपनी क्विन इमैनुअल उर्कहार्ट एंड सुलिवन के सॉवरेन लिटिगेशन प्रैक्टिस प्रमुख डेनिस हर्निटजकी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कई ऐसे सार्वजनिक उपक्रम हैं जिनपर हम प्रवर्तक कार्रवाई का विचार रहे है। प्रवर्तन कार्रवाई जल्द होगी और शायद यह अमेरिका में नहीं हो।’’

तीन सदस्यीय अंतराष्ट्रीय पंचाट ने पिछले साल दिसंबर में एकमत से केयर्न पर भारत सरकार की पिछली तारीख से कर मांग को खारिज कर दिया था। न्यायाधिकरण में भारत की ओर से नियुक्त एक जज भी शामिल थे। न्यायाधिकरण ने सरकार को उसके द्वारा बेचे गए शेयरों, जब्त लाभांश और कर रिफंड को वापस करने का निर्देश दिया था।

चार साल के दौरान पंचनिर्णय प्रक्रिया में शामिल रहने के बावजूद भारत सरकार ने इस फैसले को स्वीकार नहीं किया था और न्यायाधिकरण की सीट- नीदरलैंड की अदालत में इसे चुनौती दी थी।

अपने शेयरधारकों के दबाव के बाद केयर्न विदेशों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ओर बैंक खातों को जब्त कर इस राशि की वसूली का प्रयास कर रही है।

हर्निटजकी ने कहा, ‘‘पंच निर्णय को कई देशों में पंजीकृत किया जाएगा या जल्द मान्य किया जाएगा। अपने अंतरराष्ट्रीय शेयरधारकों का मूल्य निकालने के लिए केयर्न दुनिया भर के देशों में प्रवर्तन की कार्रवाई को तेज करेगी। ’’

हालांकि, केयर्न के वकील ने यह नहीं बताया कि भारत की किन कंपनियों को लक्ष्य किया जाएगा या किन देशों में मुकदमा किया जाएगा।

भाषा अजय अजय

अजय