वेनेजुएला की विपक्षी नेता मचाडो नोबेल पुरस्कार समारोह के बाद नॉर्वे में समर्थकों से मिलीं

वेनेजुएला की विपक्षी नेता मचाडो नोबेल पुरस्कार समारोह के बाद नॉर्वे में समर्थकों से मिलीं

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  • Publish Date - December 11, 2025 / 08:30 AM IST,
    Updated On - December 11, 2025 / 08:30 AM IST

ओस्लो, 11 दिसंबर (एपी) वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो 11 महीनों में पहली बार बृहस्पतिवार सुबह सार्वजनिक रूप से दिखाई दीं, जब उन्होंने नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में एक होटल की बालकनी से अपने समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।

इससे कुछ ही घंटे पहले उनकी बेटी ने उनकी ओर से नोबेल शांति पुरस्कार स्वीकार किया था।

इसके बाद मचाडो और उनके समर्थकों ने होटल के बाहर वेनेजुएला का राष्ट्रगान गाया। जैसे ही वह बाहर आईं और समर्थकों से हाथ मिलाया तो वहां ‘‘स्वतंत्रता’’ और ‘‘आपका शुक्रिया’’ के नारे लगने लगे। जींस और जैकेट पहने मचाडो अपने परिवार और करीबी सहयोगियों के साथ कई मिनट तक समर्थकों के बीच रहीं।

वह नौ जनवरी से छिपकर रह रही थीं जब काराकास में एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पर उन्हें कुछ देर के लिए हिरासत में लिया गया था। यही कारण था कि बुधवार को ओस्लो में आयोजित पुरस्कार समारोह में उनकी अनुपस्थिति से कई लोग हैरान थे।

नोबेल वेबसाइट पर जारी एक ऑडियो संदेश में मचाडो ने बताया कि वह समय पर समारोह में नहीं पहुंच सकीं, लेकिन ‘‘कई लोगों ने अपनी जान जोखिम में डाली’’ ताकि वह ओस्लो पहुंच सकें। उनकी बेटी एना कोरिना सोसा ने उनकी ओर से पुरस्कार ग्रहण करते हुए कहा, ‘‘मां एक स्वतंत्र वेनेजुएला में जीना चाहती हैं और वह कभी हार नहीं मानेंगी।’’

नॉर्वे की नोबेल समिति के अध्यक्ष जॉर्गेन वात्ने फ्राइडनेस ने समारोह में कहा कि मचाडो ने कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए ‘‘अपनी ओर से हरसंभव प्रयास किया और वह भी अत्यंत खतरनाक परिस्थितियों में।’’ उन्होंने कहा कि उनके समारोह तक न पहुंच पाने के बावजूद यह जानकर खुशी है कि वह सुरक्षित हैं और ओस्लो आ चुकी हैं।

मचाडो ने एक अन्य ऑडियो संदेश में कहा, ‘‘यह पुरस्कार सभी वेनेजुएलाई नागरिकों का है। जैसे ही मैं पहुंचूंगी, मैं अपने परिवार और उन बच्चों को गले लगा सकूंगी, जिन्हें मैंने दो साल से नहीं देखा।’’

मचाडो के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए कई प्रमुख लातिन अमेरिकी हस्तियों ने बुधवार के समारोह में भाग लेने की योजना बनाई थी, जिनमें अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई, इक्वाडोर के राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ, पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो और पैराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना शामिल हैं।

वेनेजुएला में लोकतांत्रिक बदलाव के लिए किए गए उनके संघर्ष के सम्मान में 58 वर्षीय मचाडो को शांति पुरस्कार दिये जाने की घोषणा 10 अक्टूबर को की गई थी।

उन्हें एक ऐसी महिला के रूप में वर्णित किया गया है जो ‘बढ़ते अंधकार के बीच लोकतंत्र की लौ को जलाए रखे हुए हैं’।

संयुक्त राष्ट्र और कई मानवाधिकार संगठनों ने वेनेजुएला में दमन की आलोचना की है और राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को जवाबदेह ठहराने की मांग की है।

गौरतलब है कि नोबेल शांति पुरस्कार के पांच विजेता ऐसे रहे हैं जो पुरस्कार के समय जेल में थे। इनमें हाल में ईरान की नरगिस मोहम्मदी (2023), बेलारूस के एलेस बियालियात्सकी (2022), चीन के लियू शियाओबो (2010), म्यांमा की आंग सान सू की (1991) और जर्मनी के कार्ल वॉन ओसिट्जकी (1935) शामिल हैं।

एपी गोला सुरभि

सुरभि