नयी दिल्ली, 8 सितंबर (भाषा) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की तेल से रसायन (ओ2सी) कारोबार वाली नयी इकाई में तेल रिफाइनरी और पेट्रो रसायन संपत्तियों के साथ ही ईंधन का खुदरा कारोबार शामिल होगा। लेकि केजी- डी6 जैसे तेल गैस खोज एवं उत्पादन क्षेत्रों और कपड़ा कारोबार को इससे अलग रखने की योजना है। समूह के कारोबार को अलग-अलग करने के बारे में कंपनी ने यह जानकारी दी है।
रिलायंस इडस्ट्रीज ने अपने ओ2सी कारोबार को अलग करने को लेकर काम शुरू कर दिया है। इस कारोबार में संभवत: सउदी अरब की कंपनी सउदी अरामको को हिस्सेदार बनाया जा सकता है।
रिलायंस ओ2सी लिमिटेड में तेल रिफाइनिंग और पेट्रो रसायन संयंत्र तथा विनिर्माण परिसंपत्तियां, थोक ईंधन विपणन कारोबार के साथ ही ब्रिटेन की बीपी के साथ खुदरा ईंधन संयुक्त उद्यम में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी वाला कारोबार शामिल होगा।
रिलायंस का सिंगापुर और ब्रिटेन स्थित तेल व्यापार करने वाली अनुषंगी और रिलायंस इंडस्ट्रीज ऊरुग्वे पेट्रोक्यूमिका एसए भी ओ2सी इकाई की छतरी के नीचे रखी जाएंगी। रिलायंस का पाइपलाइन कारोबार भी इसी कंपनी के अंतर्गत आएगा।
वहीं रिलायंस के सीबीएम ब्लॉक से कोल बेड मीथेन को आगे पहुंचाने वाली इथेन गैस पाइपलाइन, विदेशों में तेल एवं गैस संपत्तियों की मालिक रिलायंस इंडस्ट्रीज (मिडल ईस्ट) डीएमसीसी और घरेलू तेल खोज एवं उत्पादन परिसंपत्तियों रिलायंस के ओ2सी इकाई का हिस्सा नहीं होंगी। रिलायंस के नरोदा के बाहर से चल रहा का कपड़ा कारोबार, क्रिकेट स्टेडियम सहित बड़ोदा टाउनशिप और जमीन, जामनगर विद्युत कारखाना और सिक्का पोट्र्स एण्ड टर्मिनल्स लिमिटेड भी रिलायंस ओ2सी का हिस्सा नहीं होंगी।
रिलायंस इंडस्ट्रील लिमिटेड ने ओ2सी कारोबार का मूल्यांकन 75 अरब डालर किया है और वह इसमें 20 प्रतिशत हिस्सेदारी सउदी अरब आयल कंपनी (अरामको) को बेचने पर बातचीत कर रही है। कंपनी ने कहा है कि वह ओ2सी कारोबार में रणनीतिक और अन्य निवेशकों को लाने की विभिन्न संभावनाओं को तलाश रही है।
भाषा
महाबीर मनोहर
मनोहर