खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में मामूली घटकर 3.34 प्रतिशत के छह साल के निचले स्तर पर

खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में मामूली घटकर 3.34 प्रतिशत के छह साल के निचले स्तर पर

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  • Publish Date - April 15, 2025 / 04:29 PM IST,
    Updated On - April 15, 2025 / 04:29 PM IST

नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) सब्जियों तथा प्रोटीन वाले उत्पादों की कीमतों में गिरावट से खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में मामूली रूप से घटकर करीब छह साल के निचले स्तर 3.34 प्रतिशत पर आ गई। इससे पहले अगस्त, 2019 में यह 3.28 प्रतिशत के स्तर पर रही थी।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 3.61 प्रतिशत पर और पिछले साल मार्च में 4.85 प्रतिशत पर रही थी।

खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में 2.69 प्रतिशत रही, जबकि फरवरी में यह 3.75 प्रतिशत और मार्च, 2024 में 8.52 प्रतिशत थी।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। आरबीआई ने पिछले सप्ताह प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत कर दिया है।

केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इसमें पहली तिमाही में इसके 3.6 प्रतिशत, दूसरी तिमाही 3.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही 3.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि जोखिम दोनों ओर समान रूप से संतुलित हैं।

इस बीच, खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च में मासिक आधार पर घटकर छह महीने के निचले स्तर 2.05 प्रतिशत पर आ गई। इससे पहले पिछले साल सितंबर में थोक मुद्रास्फीति 1.91 प्रतिशत पर रही थी।

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 2.38 प्रतिशत थी। हालांकि, वार्षिक आधार पर मार्च में इसमें वृद्धि हुई है। मार्च, 2024 में यह 0.26 प्रतिशत पर रही थी।

भाषा निहारिका अजय

अजय