कृषि श्रमिकों, ग्रामीण कामगारों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में मामूली बढ़ी | Retail inflation for agricultural workers, rural workers rises marginally in October

कृषि श्रमिकों, ग्रामीण कामगारों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में मामूली बढ़ी

कृषि श्रमिकों, ग्रामीण कामगारों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में मामूली बढ़ी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : November 20, 2020/10:59 am IST

नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) अरहर दाल, सब्जी जैसे खाने के सामान के दामों में तेजी से कृषि कामगारों और ग्रामीण श्रमिकों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में मामूली बढ़कर क्रमश: 6.59 प्रतिशत और 6.45 प्रतिशत पहुंच गयी। इस साल यह पहला मौका है जबकि कीमतों में वृद्धि हुई है।

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिक (सीपीआई-एएल) पर आधारित कृषक कामगारों की खुदरा मुद्रास्फीति इस साल सितंबर महीने में 6.25 प्रतिशत और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिक (सीपीआइ-आरएल) संबंधी खुदरा महंगाई दर 6.10 प्रतिशत थी।

सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल के खाद्य सूचकांकों पर आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर 2020 में क्रमश: 7.96 प्रतिशत और 7.92 प्रतिशत रही। इसी साल सितंबर में यह क्रमश: 7.65 प्रतिशत और 7.61 प्रतिशत थी।

सीपीआई-एएल के सूचकांक में वृद्धि राज्य-दर-राज्य अलग-अलग है। कृषि श्रमिकों के मामले में 20 राज्यों में इसमें एक से 24 अंक की वृद्धि हुई।

तमिलनाडु में यह सूचकांक 1,242 अंक के साथ सबसे ऊपर रहा जबकि हिमाचल प्रदेश 830 अंक के साथ सबसे निचले पायदान पर रहा।

ग्रामीण श्रमिकों से संबंधित सीपीआई-आरएल में 20 राज्यों में एक से 24 अंक की वृद्धि हुई। तमिलनाडु 1,226 अंक के साथ सबसे ऊपर रहा जबकि हिमाचल प्रदेश 877 अंक के साथ सूची में सबसे नीचे रहा।

राज्यों में कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या में सर्वाधिक वृद्धि पश्चिम बंगाल (24 अंक) में देखी गयी। मुख्य रूप से चावल, दाल, सरसों तेल, दूध, प्याज, हरी मिर्च, बस किराया, सब्जी और फल आदि के दाम में बढ़ने से सूचकांक में बढ़ोतरी हुई।

श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल में वृद्धि का ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

श्रम ब्यूरो के महानिदेशक डी एस नेगी ने कहा, ‘‘सीपीआईएल-एल और आरएल आधारित मुद्रास्फीति में 2020 में पहली बार मामूली वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण अरहर दाल, सरसों तेल, प्याज और सब्जी आदि के दाम में तेजी है।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर

 

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