नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) दूरसंचार नियामक ट्राई ने शुक्रवार को उन तर्कों को खारिज कर दिया कि उपग्रह संचार सेवाएं स्थलीय मोबाइल नेटवर्कों के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा करेंगी।
इसके लिए दूरसंचार नियामक ने इन दोनों की नेटवर्क क्षमताओं और संचालन के पैमाने के बीच ”बहुत बड़ा अंतर” होने का हवाला दिया।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने तर्क दिया कि दोनों सेवाएं एक दूसरे की पूरक हैं।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने उपग्रह संचार पर अपनी अनुशंसा सौंपे जाने के बाद संवाददाताओं से कहा, ”इनमें प्रतिस्पर्धा को लेकर कोई तुलना नहीं है, ये पूरक सेवाएं हैं।”
यह पूछने पर कि क्या उपग्रह संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम पर ट्राई की सिफारिशों से स्थलीय मोबाइल सेवा प्रदाताओं को किसी तरह का झटका लगेगा, उन्होंने कहा, ”इन सिफारिशों के कारण (दूरसंचार कंपनियों को) कोई नुकसान नहीं होगा।”
ट्राई ने अपनी प्रस्तुति में कहा कि उपग्रह संचार सेवाएं निकट भविष्य में स्थलीय सेवाओं के लिए काफी हद तक पूरक बनी रहेंगी, और दोनों सेवाओं की परिचालन क्षमताओं तथा पैमाने में काफी अंतर है।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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