नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बुधवार को कहा कि उसने व्यापार को सुगम बनाने तथा कारोबार करने को और आसान बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2025 में निर्यातकों के लिए नीतिगत उपायों के युक्तिसंगत बनाने सहित कई कदम उठाए हैं।
डीजीएफटी ने हीरे के निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से ‘डायमंड इम्प्रेस्ट ऑथराइजेशन’ योजना शुरू की है। इसके अलावा, देश में दालों की कीमतें स्थिर रखने के लिए कुछ प्रमुख दालों के बिना शुल्क आयात की अनुमति को आगे बढ़ाया गया है। साथ ही सिंथेटिक निटेड कपड़े, यूरिया, प्लेटिनम, सुपारी, कृषि उत्पादों और कुछ संवेदनशील खाद्य वस्तुओं के आयात-निर्यात नियमों में भी जरूरी बदलाव किए गए हैं।
एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा गया कि 2025 में डीजीएफटी ने समय पर मंजूरी देकर और नीतिगत नियमों को सरल बनाकर भारत के व्यापार को आसान बनाने वाली व्यवस्था को और मजबूत किया है।
व्यापार को सुगम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में निर्यात उत्पादों पर शुल्कों और करों में छूट योजना (आरओडीटीईपी) के लाभों को फिर से लागू किया गया और इन्हें अग्रिम मंजूरी धारकों धारकों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) तथा निर्यातोन्मुख इकाइयों (ईओयू) के अनुरूप किया गया।
बयान में कहा गया कि इन उपायों से सेवाओं की कार्यकुशलता में सुधार हुआ है, दस्तावेजों की दोबारा जरूरत कम हुई है और व्यापार से जुड़ी प्रक्रियाएं पहले से अधिक सरल हो गई हैं।
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