टाटा संस के शेयरधारकों ने चंद्रशेखरन की चेयरमैन पद पर दोबारा नियुक्ति को मंजूरी दी

टाटा संस के शेयरधारकों ने चंद्रशेखरन की चेयरमैन पद पर दोबारा नियुक्ति को मंजूरी दी

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  • Publish Date - April 26, 2022 / 08:10 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) टाटा संस के शेयरधारकों ने एन चंद्रशेखरन को दोबारा पांच साल के लिये चेयरमैन नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। हालांकि, समूह का सबसे बड़े शेयरधारक शपूरजी पलोनजी परिवार मतदान से दूर रहा। टाटा संस टाटा समूह की कंपनियों की होल्डिंग कंपनी और प्रवर्तक है।

टाटा संस के निदेशक मंडल ने चंद्रशेखरन को पांच साल यानी फरवरी, 2027 तक के लिये कार्यकारी चेयरमैन पुनर्नियुक्त करने को मंजूरी दी थी। यह मंजूरी शेयरधारकों की अनुमति पर निर्भर थी।

सोमवार को हुई शेयरधारकों की बैठक में दूसरे कार्यकाल के लिये चंद्रशेखरन की नियुक्ति के प्रस्ताव को लेकर 50 प्रतिशत से अधिक वोट की जरूरत थी क्योंकि यह साधारण प्रस्ताव था।

सूत्रों ने कहा कि प्रस्ताव जरूरी मतों के साथ पारित हो गया। टाटा संस की 66 प्रतिशत इक्विटी शेयर पूंजी परमार्थ न्यास टाटा ट्रस्ट के पास है।

हालांकि ,उसने कहा कि पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का शपूरजी पलोनजी (एसपी) परिवार चंद्रशेखरन की दोबारा से नियुक्ति और जेपी मॉर्गन इंडिया के चेयरमैन एल पुरी को स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किये जाने के प्रस्ताव पर हुए मतदान से दूर रहा। टाटा संस में एसपी परिवार की हिस्सेदारी 18.4 प्रतिशत है।

सूत्रों के अनुसार, मिस्त्री के परिवार ने टाटा संस के गैर-कार्यकारी निदेशक पद पर विजय सिंह की नियुक्ति के प्रस्ताव खिलाफ मतदान किया। परिवार का कहना था कि टाटा संस के साथ मौजूदा कानूनी लड़ाई में वह केवल बहुलांश शेयरधारकों से निर्देश लेते थे और कंपनी के हित में कानूनी बाध्यताओं को पूरा नहीं कर रहे थे।

टाटा संस और एसपी परिवार ने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया।

टाटा और एसपी परिवार के बीच अक्टूबर, 2016 में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाये जाने के बाद से कानूनी लड़ाई जारी है।

चंद्रशेखरन अक्टूबर, 2016 में टाटा संस के बोर्ड में शामिल हुए। जनवरी, 2017 में उन्हें चेयरमैन मनोनीत किया गया। उन्होंने फरवरी, 2017 में पदभार ग्रहण किया। वह टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर और टीसीएस जैसी कंपनियों के निदेशक मंडल के चेयरमैन भी हैं।

भाषा रमण अजय

अजय