भोपाल, 24 अगस्त (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को कहा कि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और काफी हद तक इसका श्रेय लघु उद्योग को जाता है।
मुख्यमंत्री ने गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में लघु उद्योग भारती के नवनिर्मित राज्य कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘ छह करोड़ से ज्यादा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत और कुल निर्यात में 45 प्रतिशत का योगदान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लघु और कुटीर उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ हैं और इनके विकास से राष्ट्र को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि एमएसएमई सहित संस्थागत या बैंक ऋणों के भुगतान के तुरंत बाद गिरवी रखी गई संपत्तियां वापस कर दी जाएंगी।
यादव ने कहा, ‘हम समाज के सभी वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करते हुए उद्योगों के विस्तार के लिए उद्योगपतियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे।’
एमएसएमई उद्योगों को एक कार्य योजना के तहत एक निश्चित समय-सीमा के भीतर उनकी स्थापना से संबंधित सभी स्वीकृतियां प्राप्त होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में रोजगार-आधारित उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। साथ ही नए आईटीआई, पॉलिटेक्निक कॉलेजों और इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए अनुदान के प्रावधानों का भी विस्तार किया जा रहा है।
अनुसंधान को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए, यादव ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), इंदौर के साथ घरेलू और विदेशी संस्थानों के साथ अध्ययन केंद्र स्थापित करने के लिए चर्चा चल रही है।
अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए छोटे उद्योगों को पटरी पर लाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, यादव ने कहा, ‘छोटे उद्योग केवल कारखाने नहीं हैं, वे रोजगार के सबसे बड़े स्रोत हैं। एमएसएमई वह सेतु हैं जो मेहनती हाथों को बड़े बाजारों से जोड़ता है।’
भाषा दिमो
शफीक रमण
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