खेती के लिए जमीन खरीदने पर स्‍टेट बैंक देगा लोन, 85 फीसदी पैसा देगा बैंक, ये हैं शर्तें..देखिए

खेती के लिए जमीन खरीदने पर स्‍टेट बैंक देगा लोन, 85 फीसदी पैसा देगा बैंक, ये हैं शर्तें..देखिए

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  • Publish Date - August 22, 2020 / 04:54 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:48 PM IST

नई दिल्‍ली। लॉकडाउन के कारण अगर आप शहरों से लौटकर गांव में खेती करना चाहते हैं तो देश का सबसे बड़ा कर्जदाता स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) आपकी मदद करेगा। बैंक ने इसके लिए एसबीआई लैंड पर्चेस स्‍कीम शुरू की है। स्कीम के तहत आपको खेती योग्य जमीन खरीदने के लिए बैंक 85 फीसदी तक लोन देगा। यानी आपको कुल कीमत का सिर्फ 15 फीसदी हिस्‍सा ही चुकाना होगा।

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एसबीआई ने कर्ज चुकाने की अवधि 7-10 साल होगी, इसके बाद ही मिलेगा भूमि का मालिकाना हक दिया जाएगा। स्कीम का मकसद छोटे व सीमांत किसानों और भूमिहीन कृषि श्रमिकों को खेती योग्‍य भूमि खरीदने के लिए लोन उपलब्‍ध कराना है। स्कीम के तहत लोन पाने की लिए अप्लाई करने वाले पर कोई भी कर्ज बकाया नहीं होना चाहिए। स्कीम के तहत किसान को खेती की जमीन खरीदने के लिए जमीन के निर्धारित मूल्य का 85 फीसदी लोन के तौर पर मिल जाता है, जो अधिकतम 5 लाख रुपये है। इस 85 फीसदी के लिए भूमि की कीमत बैंक ही तय करेगा।

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स्‍कीम के तहत 2.5 एकड़ से कम सिंचित जमीन वाले किसान लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा भूमिहीन किसान भी स्‍कीम के तहत कर्ज पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। योजना में 5 एकड़ से कम असिंचित भूमि वाले किसान भी आवेदन कर सकते हैं। वहीं, ये जरूरी है कि लोन के लिए अप्लाई करने वाले व्‍यक्ति का कर्ज चुकाने का रिकॉर्ड बेहतर होना चाहिए। लैड पर्चेस स्‍कीम के तहत आवेदन करने वाले का कम से कम 2 साल का लोन चुकाने का अच्छा रिकॉर्ड होना चाहिए।

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स्कीम में आपको 1 से 2 साल का फ्री समय भी मिलता है, इस टाइम में आप अपनी जमीन को कृषि योग्य बना सकते हैं। स्कीम के तहत भूमि पर उत्पादन शुरू होने से लेकर अधिकतम 9-10 वर्ष तक किसान छमाही किस्तों में लोन का भुगतान कर सकते हैं। अगर भूमि पहले से विकसित है तो फ्री टाइम अधिकतम 1 वर्ष होगा। वहीं, जो भूमि खरीदे जाने के तुरंत बाद उत्पादन योग्य नहीं है यानी उत्पादन योग्य बनाना है, तो उसके लिए फ्री टाइम 2 साल होगा। भूमि पर उत्पादन शुरू होने से पहले के इस निर्धारित फ्री टाइम में किसान को कोई किस्त नहीं चुकाना पड़ेगा।