राज्यों ने जुलाई-नवंबर में मुफ्त वितरण के लिए अब तक 15.3 लाख टन खाद्यान्न का उठाव किया

राज्यों ने जुलाई-नवंबर में मुफ्त वितरण के लिए अब तक 15.3 लाख टन खाद्यान्न का उठाव किया

  •  
  • Publish Date - July 13, 2021 / 03:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:00 PM IST

नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) राज्यों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त वितरण के लिए अब तक 15.30 लाख टन खाद्यान्न का उठाव किया है।

इस योजना के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के दायरे में आने वाले लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलोग्राम अतिरिक्त खाद्यान्न कोटा प्रदान किया जा रहा है। नवंबर तक अतिरिक्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा।

यह अतिरिक्त कोटा, एनएफएसए के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों को राशन की दुकानों के माध्यम से प्रति माह 1-3 रुपये प्रति किलोग्राम की अत्यधिक रियायती दरों पर प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम खाद्यान्न वितरण के अतिरिक्त है।

एक सरकारी बयान में कहा गया है, ‘‘भारत सरकार, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोविड-19 महामारी के समय में लोगों को मुफ्त खाद्यान्न वितरित करने की अब तक की सबसे लंबी कवायद चला रही है।’’

केंद्र सरकार ने पीएमजीकेएवाई को पांच महीने यानी जुलाई-नवंबर 2021 के लिए बढ़ा दिया है और पीएमजीकेएवाई-चार (जुलाई-नवंबर 2021) के तहत 198.79 लाख टन खाद्यान्न का और आवंटन किया गया है।

पीएमजीकेएवाई-चार (जुलाई-नवंबर 2021) के तहत, 31 राज्यों द्वारा उठाव का काम शुरू कर दिया गया है और 12 जुलाई, 2021 तक 15.30 लाख टन खाद्यान्न उठा लिया गया है।

खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए नोडल एजेंसी, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने पीएमजीकेएवाई-चार के सफल कार्यान्वयन के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पर्याप्त स्टॉक पहले ही भेज दिया है।

बयान में कहा गया है, ‘‘मौजूदा समय में केंद्रीय पूल में 583 लाख टन गेहूं और 298 लाख टन चावल (कुल 881 लाख टन खाद्यान्न) उपलब्ध है।’’

पीएमजीकेएवाई-तीन (मई-जून 2021) के तहत, एफसीआई ने सभी 36 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को 78.26 लाख टन मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति की।

कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए मई-नवंबर के दौरान 80 करोड़ से अधिक लोगों को प्रति माह पांच किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त उपलब्ध कराने के लिए केंद्र इस वर्ष 93,869 करोड़ रुपये खर्च करेगा।

केंद्र ने पिछले वित्त वर्ष इस योजना पर 1,33,972 करोड़ रुपये खर्च किए। पीएमजीकेएवाई के लिए कुल वित्तीय लागत 2,27,841 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय