वित्तीय स्थिरता व विकास परिषद की उपसमिति ने अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की

वित्तीय स्थिरता व विकास परिषद की उपसमिति ने अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की

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  • Publish Date - January 13, 2021 / 04:12 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

मुंबई, 13 जनवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को एफएसडीसी की उप-समिति की अध्यक्षता की। इसमें वैश्विक और घरेलू अर्थव्यवस्था के साथ-साथ वित्तीय बाजारों में वित्तीय विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख घटनाक्रमों की समीक्षा की गयी।

केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति की आभासी बैठक में बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) तथा भारतीय बीमा विनियामक प्राधिकरण इरडा सहित विभिन्न नियामकों ने भाग लिया।

उप-समिति ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन में सुधार, सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री के डेटा के उपयोग और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में स्थापित वैकल्पिक इन्वेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) से संबंधित विनियामक ढांचे में बदलाव पर भी चर्चा की।

बैठक में विभिन्न तकनीकी समूहों की गतिविधियों और विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य स्तरीय समन्वय समितियों (एसएलसीसी) के कामकाज की भी समीक्षा की गयी।

आरबीआई ने कहा, ‘‘नियामकों ने वित्तीय स्थिरता के लिए उभरती चुनौतियों के प्रति सतर्क रहने के अपने संकल्प को दोहराया।’’

बैठक में शामिल होने वाले सदस्यों में अजय त्यागी (चेयरमैन, सेबी); सुभाष चंद्र खुंटिया (चेयरमैन, इरडा); सुप्रतिम बंद्योपाध्याय (चेयरमैन, पीएफआरडीए); एम एस साहू (चेयरपर्सन, दिवाला बोर्ड); इंजेती श्रीनिवास (चेयरपर्सन, वैश्विक वित्तीय-सेवा केंद्र प्राधिकरण); और देबाशीष पांडा (सचिव, वित्तीय सेवा विभाग) प्रमुख रहे।

इनके अलावा राजेश वर्मा (सचिव, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय); अजय प्रकाश साहनी (सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय); कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन (मुख्य आर्थिक सलाहकार), शशांक सक्सेना (सचिव, एफएसडीसी), आरबीआई के डिप्टी गवर्नर और कार्यकारी निदेशक ने भी बैठक में भाग लिया।

भाषा सुमन मनोहर

मनोहर