टेमासेक 10 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर हल्दीराम में खरीदेगी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी

टेमासेक 10 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर हल्दीराम में खरीदेगी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी

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  • Publish Date - March 13, 2025 / 02:48 PM IST,
    Updated On - March 13, 2025 / 02:48 PM IST

नयी दिल्ली, 13 मार्च (भाषा) सिंगापुर की सरकारी निवेश फर्म टेमासेक भारत में डिब्बाबंद नाश्ता एवं मिठाई की सबसे बड़ी विक्रेता कंपनी हल्दीराम स्नैक्स फूड में 10 प्रतिशत की अल्पांश हिस्सेदारी खरीद रही है। उद्योग से जुड़े सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

सूत्रों के मुताबिक, टेमासेक ने इस सप्ताह की शुरुआत में 10 अरब डॉलर (लगभग 85,000 करोड़ रुपये) के मूल्यांकन पर हिस्सेदारी खरीद के एक निर्णायक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसे भारतीय डिब्बाबंद खाद्य उद्योग का सबसे बड़ा सौदा माना जा रहा है।

हल्दीराम स्नैक्स फूड का प्रवर्तक अग्रवाल परिवार कंपनी में कुछ और हिस्सेदारी को बेचने के लिए एक और निवेशक को शामिल कर सकता है।

हल्दीराम ब्रांड के तहत रेस्तरां शृंखला का भी संचालन करने वाली कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 में 12,500 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया था।

टेमासेक के साथ हिस्सेदारी खरीद का समझौता कई महीनों की बातचीत के बाद संपन्न हुआ है। दरअसल ब्लैकस्टोन, अल्फा वेव ग्लोबल और बेन कैपिटल के नेतृत्व वाले गठजोड़ समेत कई निजी इक्विटी फर्म हल्दीराम स्नैक्स फूड में हिस्सेदारी लेने की दौड़ में शामिल थीं।

अग्रवाल परिवार अगले साल हल्दीराम का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने का रास्ता भी चुन सकता है।

प्रवर्तक परिवार की पहले एक बड़ा हिस्सा बेचने की योजना थी। लेकिन उन्होंने केवल अल्पांश हिस्सेदारी ही बेचने का फैसला किया है।

इस नकदी निवेश से हल्दीराम स्नैक्स फूड को अपनी विस्तार योजनाओं के लिए रकम देने और घरेलू एवं कुछ विदेशी बाजारों में अपना सफर तेज करने में मदद मिलेगी।

हल्दीराम स्नैक्स फूड हल्दीराम परिवार के दो हिस्सों का संयुक्त व्यवसाय है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने पहले ही दोनों हिस्सों के विलय की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है, जबकि अन्य नियामकीय अनुमोदन का इंतजार है।

राजस्थान के बीकानेर में जी बी अग्रवाल ने 1937 में एक खुदरा मिठाई और नमकीन की दुकान के रूप में इसकी शुरुआत की थी। अब हल्दीराम के उत्पाद 80 से अधिक देशों में बेचे जाते हैं।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय