रातों-रात चमक गई कंपनी के कर्मचारियों की किस्मत, 500 लोग बने करोड़पति, जानिए ऐसा क्यों हुआ

The fortunes of the company's employees shone overnight, 500 people became millionaires, know why this happened

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  • Publish Date - September 23, 2021 / 10:47 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:49 PM IST

नयी दिल्लीः अमेरिकी शेयर बाजार नास्डाक में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय एसएएएस (सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस) कंपनी फ्रेशवर्क्स के भारत में 500 से अधिक कमर्चारी रातों-रात करोड़पति बन गये। फ्रेशवर्क्स के सह-संस्थापक गिरीश मातरूबूतम ने सूचीबद्धता को कंपनी के लिये ‘अतुलनीय गर्व का क्षण’ बताया। फ्रेशवर्क्स पहली भारतीय एसएएएस कंपनी है, जो अमेरिका में सूचीबद्ध हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस सूचीबद्धता का भारत के एसएएएस के लिये क्या मतलब है, उसको लेकर बहुत खुश हूं। हमारे पास कई उद्यमी और संस्थापक हैं जो कंपनियां बना रहे हैं और वे आगे बढ़ रही हैं … हम चाहते हैं कि भारत से और वैश्विक उत्पाद वाली कंपनियां आगे आयें।’’

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मातरूबूतम ने कहा कि फ्रेशवर्क्स के 76 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों के पास कंपनी के शेयर हैं। इसको देखते हुए आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) से मुझे काफी संतुष्टि मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारे 76 प्रतिशत कर्मचारी हैं जिनके पास फ्रेशवर्क्स में शेयर हैं। यह संख्या घटकर 76 प्रतिशत हो गई क्योंकि हमने पिछले कुछ महीनों में बहुत से लोगों को काम पर रखा है। भारत में हमारे 500 से अधिक कर्मचारी हैं जो अब करोड़पति हैं। उनमें से लगभग 70 की उम्र 30 वर्ष से कम है। वे कुछ साल पहले ही कॉलेज से पास हुए।’’

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मातरूबूतम ने कहा कि इन सभी कर्मचारियों ने अपना योगदान दिया है और जिसने संपत्ति सृजित की, उसके साथ इसे साझा किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल संस्थापकों के अमीर होने या निवेशकों के धनवान बनने के लिए नहीं है … हमारे लिए कई कर्मचारियों और हमारे मिशन में विश्वास करने वाले लोगों के लिए जीवन बदलने वाला प्रभाव पैदा करने का एक बड़ा अवसर है।’कंपनी के वैश्विक स्तर पर 4,300 कर्मचारी हैं।

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चेन्नई में गिरीश मातरूबूतम और शान कृष्णासामी द्वारा 2010 में स्थापित, कैलिफोर्निया-मुख्यालय वाली कंपनी फ्रेशवर्क्स ने आईपीओ से एक अरब डॉलर से अधिक जुटाए हैं। शेयर बुधवार को सूचीबद्धता मूल्य 36 डॉलर प्रति इक्विटी के मुकाबले 43.5 डॉलर प्रति शेयर पर पहुंच गया।

मातरूबूतम ने कहा कि इस आईपीओ ने मुझे सीईओ के रूप में फ्रेशवर्क्स के उन सभी कर्मचारियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का अवसर दिया है, जिन्होंने पिछले 10 वर्ष में हम पर विश्वास किया है और कंपनी में योगदान दिया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि सूचीबद्धता के साथ सपना साकार हुआ।