वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में पारदर्शिता, कर स्थिरता मार्गदर्शक सिद्धांत: सीतारमण

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में पारदर्शिता, कर स्थिरता मार्गदर्शक सिद्धांत: सीतारमण

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  • Publish Date - February 5, 2021 / 03:24 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

नयी दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि 2021-22 के बजट में पारदर्शिता और कर स्थिरता प्रमुख मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।

उन्होंने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 कर की अपेक्षा की जा रही थी, इसके बावूजद सरकार ने बजट में किये गये प्रोत्साहन उपायों और अन्य खर्च के लिये कर बढ़ाने के बजाए अधिक ऋण लेने का रास्ता चुना।वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में सरकार ने अधिक पूंजी व्यय का लक्ष्य रखा है, यह निजी क्षेत्र की बड़े स्तर पर भागीदारी पर भी जोर देता है।

बजट में विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) के गठन की घोषणा के बारे में सीतारमण ने कहा कि सरकार इसके लिये कुछ पूंजी उपलब्ध कराएगी और बाजार से भी कोष जुटाएगी। सरकार ने 20,000 करोड़ रुपये की शुरूआती पूंजी के साथ डीएफआई के गठन का प्रस्ताव किया है। इस पहल का मकसद महत्वकांक्षी राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन (एनआईपी) के वित्तपोषण के लिये जरूरी 111 लाख करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिलेगी।

एनआईपी पहल का मकसद देश में वैश्विक स्तर की ढांचागत परियोजनाएं लगाना और लोगों के जीवन गुणवत्ता में सुधार लाना है। यह 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के प्रबंधन के लिये संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी का गठन किया जाएगा। होल्डिंग कंपनी के रूप में इसका गठन बैंक स्वयं सरकार की मदद से करेंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में बिजली, सड़क, बंदरगाह और हवाईअड्डा जैसे ढांचागत क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया गया है। इससे निजी क्षेत्र के लिये चीजें आसान होंगी और दूसरे क्षेत्रों पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा स्वास्थ्य तथा कृषि को भी प्राथमिकताएं दी गयी हैं।

उन्होंने बजट प्रस्तावों को ईमानदारी से लागू करने का वादा किया।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर