खनन गतिविधियों को लेकर अनिश्चितता से गोवा पर कर्ज का बोझ बढ़ेगा : जीएमओईए

खनन गतिविधियों को लेकर अनिश्चितता से गोवा पर कर्ज का बोझ बढ़ेगा : जीएमओईए

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  • Publish Date - April 18, 2021 / 08:23 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:44 PM IST

पणजी, 18 अप्रैल (भाषा) गोवा के खान मालिकों के एक निकाय ने आगाह किया है कि खनन गतिविधियों को शुरू करने की अनिश्चितता से राज्य कर्ज के बोझ से दब जाएगा।

गोवा खनिज अयस्क निर्यातक संघ (जीएमओईए) के अध्यक्ष अंबर तिंबलो ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पर्यटन क्षेत्र का प्रमुख योगदान है। लेकिन हाल में देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने से यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

उन्होंने कहा कि राज्य के लिए स्थिति काफी ‘गंभीर’ है। गोवा सहित देश में अगले दो माह में कोविड महामारी की स्थिति काफी गंभीर हो सकती है। उसके बाद राज्य में का मानसून की शुरुआत हो जाएगी। उस समय राज्य में पर्यटक नहीं आते हैं।

उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि इससे अब से अक्टूबर तक आपकी आमदनी ‘नकारात्मक’ रहेगी।

राज्य में खनन गतिविधियां पिछले साल मार्च में ठप हो गई थीं। उच्चतम न्यायालय ने 2018 में 88 खनन पट्टों को रद्द कर दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘पहली लहर के दौरान पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ था। अक्टूबर, 2020 से क्षेत्र को राहत मिली थी। लेकिन हालिया घटनाक्रमों के बाद यह क्षेत्र फिर दबाव में आ गया है।’’

तिंबलो ने कहा कि राज्य जीडीपी में खनन और पर्यटन क्षेत्र का हिस्सा 50 प्रतिशत से अधिक है। किसी न किसी वजह से दोनों क्षेत्र ठप हैं। राज्य सरकार की बात की जाए, मुझे नहीं पता कि वे क्यों इस साल ऊंचे बजट घाटे का आकलन नहीं कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को उम्मीद है कि गोवा खनन मामले की अदालत में सुनवाई के बाद खनन गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति मिलेगी। इसके साथ ही गोवा सरकार उम्मीद कर रही है कि कोविड की वजह से पैदा स्थिति से वह निपट पाएगी, जिससे पर्यटन क्षेत्र की स्थिति सुधरेगी।

भाषा अजय अजय रमण

रमण