America removed tariffs on India || Image- The new york times file
America removed tariffs on India: न्यूयार्क: अमेरिका ने भारत को राहत देते हुए कई जरूरी सामानों से टैरिफ हटाने का फैसला किया है। इन उत्पादों की संख्या करीब 200 है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगभग 200 कृषि एवं खाद्य उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने से मसालों, चाय और कई प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के भारतीय सप्लायर्स को फायदा मिलने की संभावना है।
ट्रंप प्रशासन द्वारा यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब अमेरिकी प्रशासन बढ़ती कीमतों को लेकर घरेलू दबाव का सामना कर रहा है। संशोधित टैरिफ शुल्क सूची में वे प्रोडक्ट शामिल हैं जिनके निर्यात में भारत की मज़बूत स्थिति है। इनमें काली मिर्च, लौंग, जीरा, इलायची, हल्दी, अदरक, विशेष चाय, आम से बने उत्पाद और काजू सहित मेवे भी शामिल है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, भारत ने 2024 में अमेरिका को 50 करोड़ डॉलर से ज़्यादा मूल्य के मसाले भेजे थे, जबकि चाय और कॉफ़ी का निर्यात लगभग 8.3 करोड़ डॉलर का था।
America removed tariffs on India: हालांकि, अमेरिका ने भारत के कुछ सबसे बड़े कृषि-संबंधित निर्यात, जैसे झींगा और बासमती चावल जैसे समुद्री खाद्य पदार्थ, छूट सूची से बाहर हैं। भारतीय ज्वेलरी, कपड़े और रत्नों पर भी हाई टैरिफ तब तक जारी रहेंगे जब तक दोनों पक्ष व्यापक व्यापार मुद्दों का समाधान नहीं कर लेते। मीडिया संसथान टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया है कि, अमेरिका अभी भी इस बात का इंतज़ार कर रहा है कि नई दिल्ली “रूसी तेल की आपूर्ति बंद करे और अमेरिकी ऊर्जा खरीद बढ़ाए।”
भारतीय अधिकारियों नेबताया कि पिछले साल अनुमानित 491 मिलियन डॉलर मूल्य के प्रोसेस्ड फूड्स सेक्टर को सबसे अधिक फायदा होने की संभावना है। इनमें कॉफी और चाय के अर्क, कोको से बने उत्पाद, जूस, फलों के गूदे, आम के उत्पाद और वनस्पति मोम शामिल हैं। मसाले, जिनका पिछले साल निर्यात 359 मिलियन डॉलर का था, अगले क्रम में हैं। अन्य 48 फल और मेवे, जिनमें नारियल, अमरूद, आम, काजू, केले, सुपारी और अनानास शामिल हैं, भी इसके दायरे में हैं, हालाँकि उनका निर्यात मूल्य लगभग 55 मिलियन डॉलर है।
America removed tariffs on India: भारत और रूस ने समुद्री सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा के लिए सोमवार को नई दिल्ली में उच्चस्तरीय अंतर-एजेंसी परामर्श किया। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान में कहा गया कि परामर्श का नेतृत्व केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और रूसी संघ के राष्ट्रपति के सहयोगी और रूस के समुद्री बोर्ड के चेयरमैन निकोलाई पात्रुशेव ने किया। बैठक में दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ समुद्री सहयोग के संपूर्ण आयाम की समीक्षा के लिए एकत्रित हुए।
बयान के अनुसार, चर्चाओं में भारत और रूस के बीच गहन एवं स्थायी विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की गई, जो पारस्परिक विश्वास, सम्मान और दीर्घकालिक आर्थिक एवं रणनीतिक सहयोग के लिए साझा दृष्टिकोण पर आधारित है।