दिवाली से पहले सरकार ने ऐसे काटी आम आदमी की जेब! घरेलू कच्चे तेल सहित इन सामानों के दामों में की वृद्धि

Windfall Gains Tax: सरकार ने डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर में वृद्धि करने की शनिवार को घोषणा की। इसके अलावा घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर भी शुल्क को बढ़ा दिया गया।

  •  
  • Publish Date - October 15, 2022 / 08:05 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:35 PM IST

नई दिल्ली। Windfall Gains Tax: सरकार ने डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर में वृद्धि करने की शनिवार को घोषणा की। इसके अलावा घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर भी शुल्क को बढ़ा दिया गया। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में इस दर वृद्धि की जानकारी दी। अब डीजल के निर्यात पर लगने वाला अप्रत्याशित लाभ कर 12 रुपये प्रति लीटर हो गया है जबकि एटीएफ पर अब 3.50 रुपये प्रति लीटर कर लगेगा। वहीं घरेलू स्तर पर निकाले गए कच्चे तेल पर शुल्क को 3,000 रुपये तक बढ़ाकर 11,000 रुपये प्रति टन करने की घोषणा की गई।

सफाईकर्मी की बेटी ऐसे बनी बिजनेस एम्पायर, अब कमा रही करोड़ों रुपए, जानें आखिर क्या है इस कमाई का राज

इन चीजों के दामों में की वृद्धि

Windfall Gains Tax: दरअसल, नई दरें रविवार से लागू हो जाएंगी। इसके पहले लगातार दो पखवाड़ों में अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती की गई थी, लेकिन वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हाल में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए इस बार कच्चे तेल, डीजल और एटीएफ पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया गया। इस अधिसूचना के मुताबिक, सातवीं पाक्षिक समीक्षा में डीजल के निर्यात पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर को 6.5 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति लीटर करने का फैसला किया गया। वहीं एटीएफ निर्यात पर लगने वाले इस कर को शून्य से बढ़ाकर 3.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया।

डॉक्टरर्स कर रहे थे 9 घंटे की सर्जरी, सैक्सोफोन बजाता रहा मरीज, फिर जो हुआ…

Windfall Gains Tax: निजी रिफाइनरी कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी देश से डीजल और एटीएफ के प्रमुख निर्यातकों में शामिल हैं जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी एवं निजी क्षेत्र की वेदांता लिमिटेड घरेलू स्तर पर कच्चे तेल का उत्पादन करती हैं। पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर सबसे पहले एक जुलाई 2022 को लगाया गया था। लेकिन उसके बाद कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट होने पर इसमें कटौती की गई थी।

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक