एनएसई के आईपीओ के मामले में वाणिज्यिक हित को जनहित पर हावी नहीं होने देंगे: सेबी चेयरमैन

एनएसई के आईपीओ के मामले में वाणिज्यिक हित को जनहित पर हावी नहीं होने देंगे: सेबी चेयरमैन

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  • Publish Date - April 17, 2025 / 03:12 PM IST,
    Updated On - April 17, 2025 / 03:12 PM IST

मुंबई, 17 अप्रैल (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने बृहस्पतिवार को कहा कि बाजार नियामक सबसे बड़े शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) योजनाओं पर निर्णय लेते समय वाणिज्यिक हित को आम जनता के हित पर हावी नहीं होने देगा।

पांडेय ने ‘सीआईआई कॉरपोरेट गवर्नेंस’ शिखर सम्मेलन के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, “हम वाणिज्यिक हितों को आम जनता के हितों पर हावी नहीं होने देंगे और यह सुनिश्चित करना नियामक का काम है।”

पांडेय ने स्पष्ट किया कि भारत ने एक ऐसा मॉडल अपनाया है, जिसमें वाणिज्यिक या लाभ कमाने वाली इकाइयां शेयर बाजार बन गई हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सुनिश्चित करना नियामक का काम है कि आम जनता के हितों से समझौता न हो।

उन्होंने कहा कि शेयर बाजारों के बीच किसी भी तरह के टकराव को सुलझाना भी नियामक का काम है।

जब उनसे पूछा गया कि नियामक कब तक मुद्दों को सुलझाना चाहता है, तो उन्होंने कहा कि यह जल्द से जल्द किया जाएगा।

यह ध्यान देने वाली बात है कि एनएसई की आईपीओ योजना पिछले आठ साल से अटकी हुई है।

इक्विटी एक्सचेंज ने इस साल योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए नियामक से अनापत्ति मांगी थी।

सेबी ने एनएसई के आईपीओ पर विचार करने के लिए एक आंतरिक समिति गठित की है और बाजार नियामक ने एनएसई से सभी मुद्दों को सुलझाने को कहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, सेबी की चिंताओं में प्रमुख प्रबंधन कर्मियों को दिया जाने वाला मुआवजा और समाशोधन निगम व अन्य में बहुलांश स्वामित्व आदि शामिल हैं।

भाषा अनुराग अजय

अजय