सरकारी मदद के बगैर बीसीपीएल को टिकाऊ बनाने के लिए कर रहे कामः हिमंत

सरकारी मदद के बगैर बीसीपीएल को टिकाऊ बनाने के लिए कर रहे कामः हिमंत

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  • Publish Date - June 17, 2025 / 08:56 PM IST,
    Updated On - June 17, 2025 / 08:56 PM IST

डिब्रूगढ़ (असम), 17 जून (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि उनका प्रशासन ‘ब्रह्मपुत्र क्रैकर एंड पॉलीमर लिमिटेड’ (बीसीपीएल) को सरकारी मदद के बगैर टिकाऊ बनाने के लिए एक स्थायी समाधान पर काम कर रहा है।

शर्मा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इस राह में कई चुनौतियां हैं और हम उन पर चर्चा कर रहे हैं।’’

बीसीपीएल पूर्वोत्तर का सबसे बड़ा पेट्रोकेमिकल परिसर है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत बीसीपीएल को जनवरी, 2016 में चालू किया गया था।

यह संयंत्र देशभर में उच्च गुणवत्ता वाले पॉलिमर के विभिन्न ग्रेड का उत्पादन करता है। इसकी प्रमुख शेयरधारक कंपनी गेल (इंडिया) लिमिटेड इसके उत्पादों का विपणन कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीसीपीएल ने अपने इस्तेमाल के लिए ओडिशा के पारादीप में जमीन मांगी थी और राज्य सरकार इसके लिए कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम यहां तैयार उत्पाद बनाने के लिए एक समूह के साथ बातचीत कर रहे हैं क्योंकि इससे उद्योग को मजबूती मिलेगी।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सरकारी मदद नहीं मिली तो यह परियोजना बंद हो जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र और राज्य सरकारें दोनों ही अब मदद कर रही हैं। लेकिन हमें किसी स्थायी समाधान के बारे में सोचना होगा।’’

डिब्रूगढ़ के लेपेटकाटा में स्थित यह परियोजना 1985 के असम समझौते का परिणाम है, जिसका उद्देश्य समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास करना है।

भाषा राजेश राजेश प्रेम

प्रेम