Ambikapur News: छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों पर ग्रामीणों ने किया हमला! एएसपी-टीआई समेत कई जवान घायल, जानिए आखिर क्यों भड़का गांव वालों का गुस्सा?

अंबिकापुर की अमेरा कोयला खदान में जमीन अधिग्रहण विवाद को लेकर ग्रामीणों और पुलिस के बीच जोरदार पथराव हुआ। हादसे में एएसपी समेत 25 से अधिक पुलिसकर्मी और कई ग्रामीण घायल हो गए। मुआवज़ा और नौकरी की मांग पर ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं।

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  • Publish Date - December 3, 2025 / 05:16 PM IST,
    Updated On - December 3, 2025 / 05:16 PM IST

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HIGHLIGHTS
  • अंबिकापुर की अमेरा खदान में ग्रामीण-पुलिस के बीच पथराव।
  • एएसपी समेत 25 पुलिसकर्मी और कई ग्रामीण घायल।
  • मुआवज़ा और जमीन अधिग्रहण विवाद से तनाव बढ़ा।

Ambikapur News अंबिकापुर : छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले के अमेरा कोयला खदान में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। माइंस एक्सटेंशन को लेकर ग्रामीणों का आंदोलन अब उग्र और तनावपूर्ण रूप ले चुका है। बुधवार को ग्रामीणों को हटाने गई पुलिस टीम और ग्रामीणों के बीच जमकर पथराव हुआ। पथराव में एएसपी, थाना प्रभारी सहित करीब 25 पुलिसकर्मी और दर्जनभर ग्रामीण घायल हो गए हैं। थाना प्रभारी को अंबिकापुर रेफर किया गया है।

क्या है माइंस एक्सटेंशन का पूरा मामला?

Ambikapur News मिली जानकारी के अनुसार, मामला लखनपुर थाना क्षेत्र का है। SECL की अमेरा खदान के विस्तार के लिए परसोढ़ी गांव की जमीनें वर्ष 2001 में अधिग्रहित की गई थीं। ग्रामीण खदान विस्तार का विरोध कर रहे हैं और अपनी जमीनें देने को तैयार नहीं हैं।
अब तक मात्र 19% किसानों ने ही मुआवजा लिया है। किसानों को अब तक न नौकरी मिली है, न सभी को पूरा मुआवजा। तीन माह पहले अधिग्रहित जमीन पर बुलडोज़र चलाया गया था, जिसके बाद ग्रामीण अपनी फसल और जमीन की रखवाली कर रहे हैं।

ग्रमीणों को हटाने के लिए पुलिस ने छोड़े गैस के गोले

Ambikapur News बुधवार को प्रशासनिक अधिकारी करीब 500 की संख्या में पुलिस बल के साथ जमीन पर कब्जा दिलाने पहुंचे, तो ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों के बीच पथराव हो गया।
ग्रामीणों ने अधिकारियों पर पत्थर चलाना शुरू कर दिया। जवाब में पुलिसकर्मियों ने भी कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि कई पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल हो गए। इसके बाद उन्हें हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।फ़िलहाल माइंस की तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए प्रशासन ग्रामीणों को मनाने में जुटा हुआ है।

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माइंस एक्सटेंशन विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

SECL की अमेरा खदान के विस्तार के लिए परसोढ़ी गांव की जमीन 2001 में अधिग्रहित की गई थी, लेकिन ग्रामीणों ने मुआवज़ा और नौकरी पूरी तरह न मिलने का आरोप लगाया, जिससे विरोध बढ़ता गया।

पथराव में कितने लोग घायल हुए?

पथराव में एएसपी, थाना प्रभारी समेत लगभग 25 पुलिसकर्मी और करीब एक दर्जन ग्रामीण घायल हुए।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने क्या कार्रवाई की?

भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और अंत में आंसू गैस के गोले छोड़कर हालात को काबू में किया।